सौर ऊर्जा’ के क्षेत्र में कई कंपनियां सराहनीय पहल करते हुए लोगों को जागरूक कर रही हैं। साथ ही कुछ कंपनियां नई टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के माध्यम से लोगों को सौर ऊर्जा से जुड़े संयंत्र और उपकरण लगाने के लिए प्रेरित कर रही हैं। सोलर पैनल द्वारा सौर ऊर्जा को बिजली में रूपांतरित किया जाता है। इसके लिए सोलर पैनल को छत पर उस जगह रखा जाता है, जहां सूरज की सीधी धूप आती हो। गौरतलब है कि अपने देश में साल में लगभग 250-300 दिन सूरज निकलता है, जिसके कारण यहां सौर ऊर्जा की बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं। सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरण सौर ऊर्जा पर आधारित प्रोडक्ट्स सूरज के होने पर बिजली पैदा करते हैं। कड़ी धूप में ये तेजी से काम करते हैं, जबकि कम धूप होने पर इनकी कार्य क्षमता भी कम हो जाती है। बारिश के दिनों में ये काम नहीं करते, लेकिन उस स्थिति से निपटने के लिए ज्यादातर प्रोडक्ट्स में ग्रिड से बिजली प्राप्त करने का विकल्प भी होता है यानी इन्हें बिजली से भी चलाया जा सकता है। यहां हम आपको सोलर एनर्जी से चलने वाले ऐसे ही कुछ प्रोडक्ट्स की जानकारी दे रहे हैं। इनका इस्तेमाल करने से आप अपने बिजली बिल को कम करने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे सकते हैं। सोलर कुकर सोलर कुकर दो तरह के होते हैं, बॉक्स टाइप और डिश टाइप। अगर घर में कम सदस्य हैं, तो बॉक्स टाइप कुकर का इस्तेमाल किया जा सकता है। जबकि डिश टाइप सोलर कुकर बड़े परिवारों के लिए फायदेमंद है। इसमें आप तलने का काम भी कर सकते हैं। इसमें दाल, चावल, राजमा व सब्जियों आदि को उबाला जा सकता है। साथ ही इसमें केक आदि भी बेक किए जा सकते हैं। यह कामकाजी लोगों के लिए भी काफी कारगर है। सोलर कुकर में खाने की चीज उबालने के लिए इसे सूरज की रोशनी में रख देते हैं। इसके बाद इसमें जो भी पकाना है, उसे डाल देते हैं। 3-4 घंटे में खाना बन जाता है। इसकी खासियत यह है कि इसमें बना खाना पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है, क्योंकि वह धीरे-धीरे बनता रहता है। सोलर वॉटर हीटिंग सिस्टम भारत में लॉन्च हुए सौर ऊर्जा उत्पादों में यह सबसे पुराना है। घर में 100-300 लीटर का सिस्टम काफी बेहतर रहता है। आजकल ऐसे सोलर हीटिंग सिस्टम भी आ रहे हैं, जिनमें बिजली के एलिमेंट्स लगे होते हैं। ऐसे में ये सौर ऊर्जा उपलब्ध न होने पर ग्रिड एनर्जी का प्रयोग भी कर सकते हैं। सोलर वॉटर हीटिंग सिस्टम से गर्म हुए पानी का इस्तेमाल नहाने, कपड़े धोने, खाना पकाने, बर्तन साफ करने जैसे कामों में किया जा सकता है। 100 लीटर तक का वॉटर हीटिंग सिस्टम इलेक्ट्रिक गीजर को रिप्लेस कर सकता है और इससे सालाना लगभग 1500 यूनिट बिजली बचाई जा सकती है। यह हर साल 1.5 टन कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन को रोक सकता है। सोलर इन्वर्टर सोलर इन्वर्टर ऐसे क्षेत्रों के लिए बहुत उपयोगी हैं, जहां बिजली की बहुत अधिक समस्या है। सोलर इन्वर्टर के जरिए बिजली से चलने वाले इन्वर्टर से आने वाले बिल से भी बचा जा सकता है। आमतौर पर घरों में करीब एक किलोवॉट के इन्वर्टर का इस्तेमाल होता है, जिससे करीब छह लाइट, चार पंखे, एक कंप्यूटर और एक टीवी को 8 घंटे तक चलाया जा सकता है। आजकल सोलर इन्वर्टर ग्रिड समर्थित भी आते हैं, जिन्हें सोलर एनर्जी न मिलने पर ग्रिड एनर्जी से भी चार्ज किया जा सकता है। वैसे सोलर एनर्जी से चार्ज करने पर ये लंबे समय तक चलते हैं। गार्डन व स्ट्रीट लाइट अगर आपके घर के बाहर गार्डन है, तो आप सोलर एनर्जी से चलने वाली गार्डन लाइट का प्रयोग कर सकते हैं। यह लाइट दिनभर चार्ज होने के बाद रात को 5-6 घंटे जलती है। इसके अलावा, बाजार में कई तरह की सौर ऊर्जा से चार्ज होने वाली स्ट्रीट लाइट्स उपलब्ध हैं, जो दिनभर चार्ज होने के बाद शाम को जल जाती हैं और सुबह तक जलती रहती हैं। गार्डन लाइट्स दो साल तक चल जाती हैं और स्ट्रीट लाइट्स 10 से 15 साल चलती हैं। ये लाइट्स दिनभर सूरज की रोशनी से चार्ज होती रहती हैं और फिर रात के वक्त इस ऊर्जा का उपयोग करके जल जाती हैं। होम लाइट सिस्टम होम लाइट सिस्टम में दो बल्ब, एक पंखा, मोबाइल चार्जर और सोलर पैनल होता है। इसके साथ ही एक सिस्टम आता है, जो सोलर पैनल से मिलने वाली ऊर्जा को स्टोर करता है। दिनभर चार्ज होने के बाद इससे एक बल्ब और एक पंखा 5-6 घंटे तक जाता है। होम लाइट सिस्टम का शहरों में कम इस्तेमाल होता है, लेकिन गांवों में इसकी बहुत मांग है। जल्द लांच होगा Lava का दमदार स्मार्टफोन दुनिया का सबसे बड़ा टैबलेट 98 इंच का 4के अल्ट्रा एचडी डिस्प्ले हुआ लांच Google Photos में से डिलीट हो गई हैं फोटोज को ऐसे लाएं वापस