दिवाली मुबारक बना बहस का विषय

किसी त्यौहार के मनाने में भाषा को दूसरे नजरिये देखने पर मज़ा किरकिरा हो जाता है. ऐसा ही कुछ हुआ कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ, जिन्होंने ओटावा में भारतीय त्यौहार दीपावली मनाते हुए दिवाली मुबारक लिख दिया. फिर क्या था, इस बात ने बहस का रूप ले लिया.

उल्लेखनीय है कि उदार विचारों और मोहक व्यक्तित्व के लिए मशहूर कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ट्विटर पर एक तस्वीर शेयर की जिसमें में वो पारंपरिक भारतीय पोशाक काले रंग की ज़रीदार शेरवानी पहनकर दीप प्रजव्वलित कर रहे हैं. उन्होंने लिखा दिवाली मुबारक! आज रात हम ओटावा में इसका जश्न मना रहे हैं, लेकिन उनका दिवाली मुबारक' कहना कई लोगों को रास नहीं आया. प्रतिक्रियाओं की संख्या बढ़ती ही गई.

बता दें कि भावेश पांडेय ने लिखा दिवाली मुबारक नहीं दिवाली की बधाइयां कहते हैं, जबकि क्रिस्टीना ने ट्वीट किया, जस्टिन ट्रूडो को जहां भी मौका मिलता है वो मुस्लिमों को बधाई देने से नहीं चूकते. वहीं एक अन्य यूज़र ने कहा कि सही शब्द 'शुभ दीपावली' है, 'दिवाली मुबारक' नहीं. मुबारक अरबी भाषा का शब्द है, भारतीय नहीं. जान्हवी का विचार था कि 'इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता. यह ज्यादा अहम है कि वो भारतीय त्योहारों का सम्मान कर खुशी-खुशी इन्हें मनाते हैं. ऐसा ही कुछ ऑनेली ने लिखा.

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