पटना: 25 सितंबर 2024 को बिहार में जितिया व्रत के दौरान गंगा और अन्य नदियों, तालाबों में स्नान के समय कई दर्दनाक घटनाएँ सामने आईं। इस विशेष अवसर पर महिलाएँ अपने बच्चों की लंबी उम्र और स्वास्थ्य की कामना करते हुए स्नान करती हैं। हालांकि, इस पवित्र दिन पर राज्य में कई स्थानों से डूबने की घटनाएँ रिपोर्ट की गईं, जिनमें 49 लोग डूब गए और इनमें से 41 लोगों की जान चली गई। इन घटनाओं में महिलाएँ और बच्चे अधिक संख्या में शामिल थे, जो व्रत का पालन करते हुए तालाबों और नदियों में स्नान कर रहे थे। औरंगाबाद जिले से सबसे ज्यादा दुखद खबरें आईं, जहाँ अलग-अलग स्थानों पर तालाब में स्नान के दौरान 8 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 2 महिलाएँ और 6 बच्चे शामिल थे। सारण जिले में भी इसी तरह की घटना हुई, जहाँ 5 बच्चों ने तालाब में डूबकर अपनी जान गंवा दी। कैमूर जिले में भी कई अलग-अलग स्थानों से 5 लोगों की डूबने से मौत की सूचना मिली है। रोहतास जिले में सोन नदी में नहाते समय एक 13 वर्षीय बालक की दुखद मृत्यु हो गई, जबकि मोतिहारी जिले में एक महिला और तीन बच्चों की जान चली गई। राजधानी पटना के पास बिहटा में भी एक दुखद घटना घटी, जहाँ एक बच्ची को डूबने से बचाने की कोशिश में तीन लोगों की मौत हो गई। ये सभी लोग सोन नदी की तेज धारा में बह गए। कई लोग अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है। जितिया व्रत, जिसे जीवित्पुत्रिका या जीमूतवाहन व्रत भी कहा जाता है, माता-पिता द्वारा अपने बच्चों की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए रखा जाता है। इस दिन स्नान और व्रत का विशेष महत्व होता है, लेकिन इस बार यह पवित्र दिन कई परिवारों के लिए जीवनभर का दुखद अनुभव बन गया, जहाँ वे अपनों को खो बैठे। 'PoK के लोगों से किया हुआ वादा..', जम्मू-कश्मीर में ये क्या बोल गए राहुल गांधी पत्नी-बेटे को गोली मारकर ठेकेदार ने की आत्महत्या, हाथ में लिखी थी मरने की वजह 'हिन्दुओं वापस जाओ..', अमेरिका में मंदिर पर फिर हमला, राहुल गांधी के बयान का असर?