नई दिल्ली : भारत की पहली स्वदेशी रूप से निर्मित बिना इंजन वाली ट्रेन-18 अब देश की सबसे तेज ट्रेन बन चुकी है। ट्रायल रन के दौरान इसने 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़कर यह मुकाम हासिल किया है। बुधवार को रेलमंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट करके इसे भारत की सबसे तेज ट्रेन घोषित किया। जानकारी के लिए बता दें कि सबसे पहले नवंबर में बरेली मुरादाबाद सेक्शन के स्टैंडर्ड ट्रैक पर इसका ट्रायल हुआ था। इसके बाद 2 दिसंबर को पीयूष गोयल ने ट्वीट कर लिखा था -जोर स्पीड का झटका धीरे से लगा। ट्रेन 18 ने पार की 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड। इस गति पर पानी की बोतल की स्थिरता चेक की गई। अब बिना इंजन की ट्रेन में यात्रा करेंगे आप जीपीएस से सुसज्जीत है ट्रेन-18 जानकारी के लिए बता दें इस ट्रेन को चेन्नई की इंटरनल कोच फैक्टरी में बनाया गया है। ट्रेन को बनाने में 100 करोड़ रुपये का खर्च आया है। यदि बात ट्रेन की खासियतों की करें तो इसमें डिफ्यूज लाइटिंग और ऑटोमेटिक दरवाजे और फुटस्टेप हैं जो ट्रेन के रुकने पर खुद ही खुल जाएंगे। ट्रेन में 52 सीट का एग्जीक्यूटिव कंपार्टमेंट है। यात्रियों की सुविधा के लिए इसमें वाईफाई के अलावा जीपीएस आधारित पेसेंजर इनफॉर्मेशन सिस्टम भी है। देश की पहली सबसे तेज बिना इंजन वाली ट्रेन-18 सफल 15% तक समय की करेगी बचत प्राप्त जानकारी अनुसार 29 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी 16 डब्बों की इस ट्रेन को वाराणसी से हरी झंडी दिखाएंगे। यह ट्रेन वाराणसी से दोपहर ढाई बजे चलकर उसी दिन रात साढ़े दस बजे दिल्ली पहुंचेगी जबकि दिल्ली से सुबह 6 बजे चलकर दोपहर 2 बजे वाराणसी पहुंचेगी। माना जा रहा है कि यह ट्रेन शताब्दी के मुकाबले 15% तक समय की बचत करेगी। ट्रायल के लिए निकली ट्रेन-18 पर पथराव, टूटे शीशे उत्तर भारत में ठंड का असर अब रेलवे यातायात पर, इतनी ट्रेनें रद्द लगातार बिगड़ रही भारतीय रेलवे की वित्तीय स्थिति, इससे सुधरेगी