सेना अपने अनुशासन और मर्यादा के लिए जानी जाती है. लेकिन सेना में भर्ती के लिए जा रहे अभ्यर्थियों ने जो कृत्य किया है वो शर्मनाक है. मामला इस प्रकार है की डायरेक्ट आर्मी रिक्रूटमेंट ग्वालियर की तरफ से सेना में भर्तियां निकाली गयी थी. जिसके लिए तक़रीबन 60000 अभ्यर्थी 8 जनवरी से 22 जनवरी के बीच ट्रेनों से सफर करते हुए ग्वालियर पहुँच रहे थे. रेलवे के अधिकारीयों ने बताया की इस दौरान अभ्यर्थी जैसे जैसे इक्कट्ठे होते गए उन्होंने रेल में उपद्रव करना शुरू कर दिया जिसमे यात्रियों की सीट पर कब्ज़ा करना, यात्रियों से गाली गलौज करना और कई बार तो हाथापाई तक की नौबत आ गई . वेस्ट सेंट्रल रेलवे पब्लिक रिलेशन अधिकारी आईए सिद्दीकी ने बताया की सबसे ज्यादा उपद्रव उन्होंने गुना से ग्वालियर के बीच मचाया. मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना वाली ट्रैन जब शिवपुरी से रामेश्वर जाते समय गुना पहुंची तो भर्ती से लौट रहे कई अभ्यर्थी ट्रेन के इंजन में चढ़ गए और ड्राइवर को डरा धमका कर उसे जबरदस्ती ट्रेन को ग्वालियर ले जाने को कहने लगे. जो की शिवपुरी से उलटी दिशा में था. तब रेलवे पुलिस फोर्स ने बल प्रयोग करके स्तिथि पर नियंत्रण पाया. सिद्दीकी बताते है की कई बार स्तिथियाँ ऐसी भी बनी जब हम बेबस थे क्यूंकि रेलवे के पास उस जगह पर्याप्त पुलिस फोर्स नहीं था. इधर इस घटना को लेकर डायरेक्ट आर्मी रिक्रूटमेंट ग्वालियर के डायरेक्टर कर्नल मनीष चतुर्वेदी कहते है कि, हमने रेलवे से भर्ती के लिए स्पेशल ट्रैन चलाने के लिए कहा था. मनीष चतुर्वेदी ने कहा कि रेलवे ने ही हमे यहाँ भर्ती प्रक्रिया आयोजित करने का न्योता दिया था, तो इस सम्बन्ध से में व्यवस्था की जवाबदारी भी रेलवे की थी. इस बारे में सिद्दीकी कहते है की वे मामले की जांच करेंगे एवं आगे से ध्यान रखेंगे. CJI और जजों में फिर हुई अहम बैठक नई खोज और अविष्कार में हम बहुत पीछे GST काउंसिल की बैठक आज