इंदौर/ब्यूरो। उप संचालक कृषि विभाग द्वारा बताया गया है कि आत्मा परियोजना के तहत कृषको में सोयाबीन की उन्नत अनुशंसित प्रजातियों को अपनाने एवं वर्तमान परिस्थितियों में समग्र सिफारिशों पर विशेष चर्चा के उद्देश्य से आईसीएआर भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान इंदौर में जिले के कृषकों के लिये प्रशिक्षण सह भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। परियोजना संचालक आत्मा श्रीमती शर्ली थामस ने प्रशिक्षण के उद्देश्य को बताते हुए सोयाबीन की नवीन किस्म, जिसमें प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा है, को अपनाने का आह्वान किया है। इसके पश्चात डॉ बी.यू. दुपारे प्रधान वैज्ञानिक के द्वारा सोयाबीन अनुसंधान संस्थान के कार्यों एवं उद्देश्य के बारे में कृषकों को बताया गया। साथ ही सोयाबीन फसल में वर्तमान स्थिति को लेकर समग्र सिफारिशों के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। डॉ. संजय गुप्ता प्रधान वैज्ञानिक द्वारा सोयाबीन के क्लाइमेट चेंज के प्रति सहनशील किस्मों के विषय में विस्तार से बताया गया एवं साथ ही उनकी अनुशंसाओं पर भी विस्तृत चर्चा की गई। डॉ. विनीत कुमार प्रधान वैज्ञानिक के द्वारा सोयाबीन की अलग-अलग किस्मों के पौधो को दिखाकर उनकी विशेषताओं पर विस्तृत चर्चा की गई जिसमें NRC-138,NRC 142, NRC-152, RVSM-2011-35 इत्यादि के पौधों की बढ़वार, फलियों की संख्या, दाने का भराव, पकने की अवस्था, दाने की गुणवत्ता आदि की पुरानी किस्मों से तुलना करके नवीन किस्मों को बोने का सुझाव दिया गया। इसके पश्चात प्रगतिशील कृषको के द्वारा अपना अनुभव साझा करते हुये अपनाई गई उन्नत कृषि तकनीको के बारे में विस्तार से चर्चा की। जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री भारत सिंह द्वारा कृषको को संबोधित करते हुए अपनी खेती को सुधारने की समझाइश दी गई कि कैसे खेती में छोटे-छोटे सुधार करके कृषक अपनी आय बढ़ा सकते है साथ ही कृषको को सोयाबीन अनुसंधान केन्द्र के प्रक्षेत्र पर भ्रमण करवाकर सोयाबीन की विभिन्न नवीन प्रजातियों के प्रदर्शन दिखाये गये व इस पर विस्तृत चर्चा की गई। अंत में उप परियोजना संचालक आत्मा सुश्री रेणु पाराशर द्वारा कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी का आभार प्रकट किया गया। राधिका का बोल्ड लुक सोशल मीडिया पर लगा रहा है आग बाढ़ की मार झेल रहे पाकिस्तानियों का सहारा बना मंदिर, कई मुस्लिम परिवारों को दे रहा 'पनाह' नहीं रहे शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती, 'क्रांतिकारी साधु' के नाम से थे मशहूर