पटना: बिहार के विभाग द्वारा UNISEF और एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री) के साथ मिलकर ‘बाल बजट की तैयारी’ पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम का मकसद बिहार सरकार के बाल बजट निर्माण को सुदृढ़ करना था. अभी बाल बजट दस्तावेज में 16 विभाग अपने बजट और खर्च की जानकारी दे रहे हैं. प्रशिक्षण में CEPPF, आद्री की असिस्टेंट प्रो. डॉ. बर्ना गांगुली ने UNISEF, वित्त विभाग और आद्री कि रिसर्च के मुख्य निष्कर्षों की जानकारी दी है. उन्होंने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर मंथन किया. उन्होंने बताया कि बाल बजट निर्माण की प्रक्रिया में अभी अनेक कमियां हैं. उन्हें दूर करने की आवश्यकता है. इससे सशक्त दस्तावेज सामने आएगा. प्रशिक्षण कार्यक्रम से बजट अधिकारियों को बाल बजट दस्तावेज के लिए आंकड़ों को संकलित करने में मार्गदर्शन मिलेगा. वहीं, बिहार के वित्त विभाग के उप-सचिव संजीव मित्तल ने बजट निर्माण के मूल बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बाल बजट मुख्य बजट में शामिल है. ऐसे में लेखा शीर्षों के माध्यम से इसके व्यय पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है. उप-सचिव अजय ठाकुर ने बाल बजट दस्तावेज में शामिल कार्यक्रमों के प्रकार पर अपनी बातें केंद्रित रखीं. कुल व्यय दर्शाने के लिए योजना और गैर योजना, दोनों प्रकार के खर्चों को शामिल किया जाना चाहिए. भारतीय रिजर्व बैंक का नया प्रस्ताव, बुरी दिशा में एक अच्छा कदम उठाने का प्रयास किसान आंदोलन के कारण थमी रफ़्तार, बढ़ सकते हैं फल-सब्जियों के दाम सोने-चांदी की कीमतों में हुआ बड़ा बदलाव, यहाँ जानें आज का भाव