नई दिल्लीः देश का ट्रांसपोर्ट व्यवसाय इन दिनों आर्थिक मंदी की चपेट में आ गया है। सामान की बुकिंग में भारी कमी आने से ट्रांसपोर्टरों के लिए ऋण की किस्तें भड़ना कठिन हो गया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ट्रांसपोर्ट संगठनों ने सरकार से मदद की मांग की है। देश के परिवहन क्षेत्र पर पैनी नजर रखने वाली विशेषज्ञ संस्था इंडियन फाउंडेशन आफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग (आइएफटीआरटी) के अनुसार आर्थिक सुस्ती की वजह से ट्रांसपोर्टरों की बुकिंग में बहुत कमी देखने को मिल रही है। माल ढुलाई के पर्याप्त ऑर्डर न मिलने से ट्रांसपोर्टरों के 30-40 फीसद ट्रक खाली खड़े हैं। इनकम में कमी के कारण ट्रासंपोर्टरों के लिए ट्रक खरीदी की खातिर लिए गए ऋण की किस्तें चुकाने में कठिनाईयां आ रही हैं। ट्रांसपोर्टर बैंकों से गुहार लगा रहे हैं कि किस्त भरने के लिए उन्हें कुछ वक्त दी जाए। बिते दिनों इंदौर के ट्रक ऑपरेटरों के संगठन इंदौर ट्रक ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने बैकों और वित्तीय संस्थाओं को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने मोहलत मांगी है। एचडीएफसी, एक्सिस, आइसीआइसीआइ, कोटक महिंद्रा और यस बैंक के अलावा टाटा फाइनेंस, महिंद्रा फाइनेंस, सुंदरम फाइनेंस, श्रीराम फाइनेंस, चोलामंडलम फाइनेंस को भेजे पत्र में किस्त अदायगी में दो-तीन माह की छूट की मांग की गई है। एसोसिएशन के अध्यक्ष सीएल मुकाली ने लिखा है कि ‘ट्रक ऑपरेटर एवं ट्रांसपोर्ट व्यापारी पिछले छह-सात माह से व्यापार में संघर्ष कर रहे हैं, मगर किसी तरह का सुधार नहीं हो रहा है। अगले दो-तीन माह में भी इसकी कोई आशा नहीं दिखाई देती। डीजल के रेट बढ़ने के साथ ट्रकों की मासिक रनिंग बहुत कम हो गई है। ऐसे में नियमित किस्त देने वाले ऑपरेटर भी आगे किस्त नहीं दे पाएंगे।’ विश्व के सर्वश्रेष्ठ CEO की लिस्ट में मुकेश अंबानी समेत 10 भारतीय शामिल पेट्रोल और डीजल की दाम में आई कमी, जाने नयी कीमत यूपी में पेप्सिको करेगी 3 साल में 514 करोड़ रुपये का निवेश