नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी के 'डिजिटल इंडिया' अभियान से प्रेरित होकर, गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज में बीटेक की पढ़ाई करने वाली कुछ छात्राओं ने नेत्रहीनों के लाभ के लिए एक स्मार्ट स्टिक का निरनमान भी किया है. 'शिव स्टिक' नाम से, उन्हें दृष्टिबाधित व्यक्तियों को किसी से सहायता मांगे बिना अपनी पसंद के धार्मिक स्थलों तक पहुंचने में सक्षम बनाने के लिए डिज़ाइन दिया गया है। छात्रों ने बोला है कि छड़ी एक इन-बिल्ट सेंसर और एक वॉयस रिकॉर्डिंग चिप के साथ ही दी जा रही है, जिससे दृष्टिबाधित व्यक्ति बिना किसी डर के अपने दम पर आने-जाने में कामयाब हो जाते है। इससे जुड़े एक स्विच को चालू करने पर, छड़ी उसे पकड़ने वाले व्यक्ति का तब तक मार्गदर्शन भी करने वाली है जब तक कि वह अपने वांछित गंतव्य तक नहीं पहुंच ही जाता है। लड़कियों ने इस बारें में बोला है कि उनका इनोवेशन कैसे काम करता है, इस बारे में विस्तार से बताते हुए कि स्टिक का इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति स्विच को कई बार दबाकर डिवाइस में प्रीसेट धार्मिक स्थानों की सूची से एक विशेष गंतव्य चुन सकता है। छात्रों में से एक ने बोला है कि "हमने इस डिवाइस को आने-जाने के मामले में दृष्टिबाधित व्यक्तियों की दूसरों पर निर्भरता कम करने और उन्हें अपनी पसंद के किसी भी धार्मिक स्थान की यात्रा करने में सक्षम बनाने के लिए डिज़ाइन भी किया जा चुका है।" उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि "हमने दृष्टिबाधित लोगों को अधिक स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह स्टिक बनाई है। उन्हें किसी के मार्गदर्शन की आवश्यकता बिलकुल भी नहीं होने वाली है। हमने एक सेल्फी स्टिक ली और उसमें एक वॉयस रिकॉर्डर चिप, अल्ट्रासोनिक सेंसर, ट्रांसमीटर और टॉर्च जोड़ा। एक 9-बोल्ट इनोवेटर्स की टीम के एक अन्य छात्र ने इस बारें में बोला है कि, वॉयस रिकॉर्डर चलाने के लिए डिवाइस में बैटरी भी लगाई गई है। उन्होंने यह भी बोला है कि, "फ्लैशलाइट लोगों को अंधेरे या कम रोशनी में दृष्टिबाधित व्यक्ति की पहचान करने और दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करने वाली है।" भारतीय क्रिकेट टीम ने रचा इतिहास, मिली ये बड़ी सफलता 22 वर्षीय प्रेमी ने काट डाला 42 साल की प्रेमिका का सिर, चौंकाने वाली है वजह इन 3 दिन ताज महल में मिलेगी फ्री एंट्री