पहले के समय में किसी भी बीमारी के इलाज के लिए कुदरती तरीका इस्तेमाल किया जाता था.हरियाली से शरीर की तकलीफों के इलाज को ग्रीन थैरेपी कहते हैं. हरियाली के करीब रहने से लोग कम बीमार पड़ते हैं. आज हम आपको ग्रीन थैरेपी से जीवन जीने के नए तरीके बारे में बताएंगे. 1-ग्रीन थैरेपी से व्यक्ति को साकारात्मक वातावरण मिलता है. जिससे जिससे मानसिक रूप से तंदरूस्ती रहती है. इसे तनाव,चिंता और परेशानियां दूर हो जाती हैं. 2-ग्रीन थैरेपी से बॉडी में ऊर्जी का निर्माण होता है. हरी घास पर नंगे पाव चलने से शरीर को भरपूर ऑक्सीजन मिलती है. इससे दिल तेजी से पंप करना शुरू हो जाता है और तेजी से फेफडो को ऑक्सीजन सप्लाई करता है. इससे शरीर का सिस्टम सही तरह से चलने लगता है. 3-हरियाली में रहने से तनाव भी दूर होता है और शरीर भी तंदुरूस्त रहता है. ग्रीन थैरेपी से मस्तिष्क की शक्ति भी बढ़ती है. जिससे यादाश्त तेज होनी शुरू हो जाती है. 4-जो लोग प्रदूषण के कारण फेफड़ों की बीमारी के कारण परेशान रहते हैं,उनके लिए ग्रीन थैरेपी बेहद कारगर उपाय है. इसके लिए जरूरी है कि रोजाना सुबह के समय कुछ देर हरे घास या पार्क में जरूर टहलें. कैंसर से बचना है तो फायदेमंद है ब्रोकोली का सेवन ब्लैक राइस देता है कैंसर से लड़ने की ताकत कैंसर से बचने के लिए ज़रूरी है इन चीजो से परहेज