नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार (26 अगस्त) को कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने मानव अंतरिक्ष मिशन कार्यक्रम के हिस्से के रूप में एक ह्यूमनॉइड रोबोट "व्योममित्र" को अंतरिक्ष में भेजेगा। एक मीडिया कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि मिशन के दूसरे चरण में अंतरिक्ष यात्रा के लिए डिज़ाइन की गई महिला पोशाक में एक ह्यूमनॉइड रोबोट की उपस्थिति शामिल होगी। गगनयान का पहला चरण, जो शुरू में सितंबर के लिए निर्धारित किया गया था, अब अक्टूबर के लिए पुनर्निर्धारित किया गया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कोविड-19 महामारी के कारण 'गगनयान प्रोजेक्ट' में देरी के बारे में बताते हुए कहा कि, 'हम अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह में पहले परीक्षण मिशन की योजना बना रहे हैं। अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाना उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना उन्हें भेजना।' सिंह ने कहा कि, ''दूसरे मिशन में एक महिला रोबोट होगी और वह सभी मानवीय गतिविधियों की नकल करेगी। अगर सब कुछ सही रहा, तो हम आगे बढ़ सकते हैं।'' बता दें कि व्योममित्र का अनावरण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा 2020 में बेंगलुरु में किया गया था। केंद्रीय मंत्री ने मानव अंतरिक्ष मिशन "गंगायान" के लिए 2022 में योजनाओं का खुलासा किया था, जिसकी लॉन्चिंग 2024 के लिए तय की गई थी। चंद्रयान 3 मिशन केंद्रीय मंत्री ने उस राहत के बारे में भी बताया जो उन्हें भारत के चंद्रयान-3 लैंडर के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने के बाद महसूस हुई थी। सिंह ने कहा कि, "जो लोग ISRO टीम के साथ बहुत करीब से जुड़े रहे हैं, हम घबरा गए। मेरा पहला घबराहट वाला क्षण वह था जब चंद्रयान -3 यान चंद्रमा की कक्षा के लिए पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकला, लैंडिंग बहुत सहज थी।" सिंह ने यह भी कहा कि चंद्रमा पर उतरना ISRO और देश की यात्रा में एक लंबी छलांग थी। चाचा शरद पवार के गढ़ में डिप्टी सीएम अजित ने दिखाया दम, जनता ने किया भव्य स्वागत 'भारत मंगल, शुक्र तक भी जा सकता है, लेकिन..', जानिए क्या बोले ISRO चीफ ? G20 से पहले आज B20 मीटिंग को संबोधित करेंगे पीएम मोदी, इन मुद्दों पर होगी चर्चा