नई दिल्ली: तीन तलाक़ बिल पर आज संसद में तनातनी चल रही है, हालाँकि 29 दिसंबर को लोकसभा में यह विधेयक पारित हो गया था जिसमें तुरंत तीन तलाक देने को अपराध की श्रेणी में रखा गया था. तीन तलाक के कई प्रावधानों पर विपक्षी पार्टियों को एतराज है जिस वजह से विधेयक संसद में विवाद का केंद्र बना हुआ है.राज्यसभा में तीन तलाक विधेयक का समर्थन गैर-एनडीए के दो बड़े दल बीजेडी और एआईएडीएमके करते हैं या नहीं, इस पर अभी सस्पेंस बना हुआ है. तीन संशोधन के बाद आज राज्यसभा में पेश होगा 'तीन तलाक बिल' वहीं कांग्रेस, बीएसपी और टीएमसी पार्टियों ने सरकार से संशोधन जोड़े जाने की पुरजोर मांग की थी जिस पर अमल किया गया है. इस मामले पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि दहेज कानून के तहत मुसलमान या अन्य लोगों को जेल में डालने का प्रावधान है. गृह हिंसा में भी जेल का कानून है फिर तीन तलाक के कानून का क्यों विरोध हो रहा है? श्रीराम ने भी दिया था तलाक़ रविशंकर के इस बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने कहा है भारत के सभी धर्म समुदाय में महिलाओं पर अत्याचार किया जाता रहा है, हिन्दुओं के भगवान श्रीराम ने भी सीता जी को संदेह के कारण छोड़ दिया था, उन्होंने कहा है कि इसलिए हमे बड़े स्तर पर बदलाव करने की जरुरत है. इनके अलावा सोनिया गाँधी ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी का तीन तलाक़ पर रुख स्पष्ट है, हमें इससे आगे कुछ भी नहीं कहना है. खबरें और भी:- मोदी सरकार ने दी ट्रिपल तलाक संशोधन बिल को हरी झंडी तीन तलाक पर कांग्रेस का समर्थन, पर ये है शर्त तीन तलाक़: अन्याय के खिलाफ लड़ी और जीती निदा खान