नईदिल्ली। संसद के उच्च सदन राज्यसभा मेें आज तीन तलाक बिल पेश कर दिया गया। हालांकि इस बिल को विधान बनने के लिए राज्यसभा में पारित करना होगा जिसके बाद इसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास स्वीकृति हेतु भेजा जाएगा। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक को लेकर तैयार किए गए विधेयक को लेकर बिल का मसौदा और इसमें शामिल कई बातों का उल्लेख किया। इस मामले में कहा गया कि आरोपी को पुलिस से जमानत नहीं दी गई, उसे मजिस्ट्रेट से जमानत दी जाने के प्रावधान का उल्लेख किया गया। संसद के उच्च सदन राज्यसभा में केंद्र सरकार के मंत्रियों ने तीन तलाक पर बहस के दौरान अपनी बातें मजबूती के साथ रखीं। हालांकि विपक्ष ने विरोध के शोर के साथ विधेयक का विरोध किया। केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि तीन तलाक असंवैधानिक है। यदि यह दिया जाता है तो फिर व्यक्ति को 3 वर्ष की जेल तक हो सकती है। महिला की संतान होने पर यदि उसका बच्चा नाबालिग है तो उसे अपने बच्चे को रखने का अधिकार होगा। तीन तलाक के मामले में सर्वोच्च न्यायालय पहले ही 22 अगस्त को इसे असंगत बता चुका है। इससे जुड़े बिल को केंद्र सरकार संसद के निम्न सदन लोकसभा में पारित करवा चुकी हैै। जबकि राज्यसभा में यह बिल पेश किया गया है और इस पर बहस की जा रही है। तीन तलाक : कांग्रेस के असमंजस ने बढ़ाई बीजेपी की चिंता विरोध के बीच संसद में आज पेश होगा तीन तलाक बिल राजद और ओवैसी ने किया तीन तलाक बिल का विरोध