पूर्वोत्तर के तीनों राज्यों में हुए चुनाव की मतगणना आज हो रही है . इसमें मेघालय को छोड़कर बाकी बचे दो राज्यों में अब तक भाजपा का प्रदर्शन बेहतर रहा है.ताजा रुझानों में बीजेपी आगे चल रही है. त्रिपुरा में भाजपा फ़िलहाल 43 सीटों पर आगे चल रही है ,जबकि नागालैंड में भाजपा 29 और एनपीएफ 26 पर आगे चल रही है . लेकिन यहां बात त्रिपुरा के नतीजों की होगी. गौरतलब है कि त्रिपुरा में भाजपा की सरकार बनने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं .त्रिपुरा को लेफ्ट से छीनने के लिए बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ जैसे दिग्गज नेताओं की यहां रैलियां कर जनमत को अपने पक्ष में करने की भरपूर कोशिश की थी. इस राज्य को चुनौती के रूप में लेने के पीछे का सच यह है कि गत वर्ष विजयादशमी के दिन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने संघ के वरिष्ठ नेताओं से विजयादशमी पर दी जाने वाली गुरू-दक्षिणा अगले वर्ष अर्थात 2018 में समर्पित करने की बात कही थी . उनका संकेत त्रिपुरा में भाजपा को विजयी बनाने से था. लगता है अब गुरु दक्षिणा देने की घड़ी आ गई है. त्रिपुरा के रुझानों में भाजपा को बहुमत मिल गया है. यहां इस बात का जिक्र जरुरी है कि अमित शाह ने पार्टी महासचिवों की बैठक में स्पष्ट कहा था कि भले त्रिपुरा छोटा राज्य है, लेकिन भाजपा के लिए इसलिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह जीत न सिर्फ चुनावी जीत होगी, बल्कि यह वैचारिक जीत भी साबित होगी. स्मरण रहे कि 1998 से त्रिपुरा में लेफ्ट के माणिक सरकार मुख्यमंत्री हैं.त्रिपुरा में माणिक सरकार के सीएम बनने से पहले से ही 1993 से लेफ्ट फ्रंट की सरकार लगातार बनती आ रही है.लेकिन अब यह सिलसिला टूटने का समयआ गया है. यह भी देखें रुझानों के साथ त्रिपुरा के समीकरण क्या नगालैंड में सच होगा जेलियांग का सरकार बनाने का दावा ?