अगरतला: त्रिपुरा कैबिनेट के मंत्रियों ने वक्फ संपत्ति के संरक्षण के लिए केंद्रीय कानून के संकलन में वक्फ अधिनियम के 2013 संशोधन की स्थापना को मंजूरी दे दी है। एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए नाथ ने कहा कि कैबिनेट ने ट्रिब्यूनल बनाने की ठान ली है और जिलाधिकारियों को वक्फ की जमीन को वापस लेने के लिए नया सर्वे कराने के निर्देश दिए जाएंगे। मंत्री ने कहा, पिछले 30 वर्षों में पिछली सरकार के दौरान 1,400 एकड़ जमीन पर कब्जा किया गया है जो वोट बैंक की राजनीति के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के लिए बेईमानी का रोना रोया। नाथ ने आगे कहा, कैबिनेट ने संशोधन को अपनाया है और त्रिपुरा वक्फ ट्रिब्यूनल नियम 2020 को मंजूरी दे दी है। उन्होंने यह भी कहा कि 2013 में केंद्र सरकार ने 'वक्फ एक्ट' में संशोधन किया था और तदनुसार राज्यों को एक समान नियम बनाने की सिफारिश की गई थी। हालांकि पिछली सरकार ने इस पर कार्रवाई नहीं की। आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि संशोधन के अनुसार ट्रिब्यूनल अनिवार्य है क्योंकि, यदि वक्फ संपत्ति में कोई समस्या है, तो त्वरित समाधान के लिए न्यायाधिकरण का होना बहुत महत्वपूर्ण है। कानून मंत्री ने कहा, त्रिपुरा में राज्य भर में कुल 2,643 वक्फ संपत्तियां हैं जिनमें 3,000 कानी भूमि शामिल है, जिनमें से 1,400 एकड़ भूमि की 771 वक्फ संपत्तियों पर पिछले 30 वर्षों में कब्जा कर लिया गया है। उन्होंने हैरानी जताई कि अगरतला में गेडू मियाह मस्जिद और विज्ञापन नगर में कब्रिस्तान समेत कई और वक्फ संपत्तियों पर कब्जा किया गया है। इतना ही नहीं तत्कालीन वामपंथी नेता ने कुछ जमीनों पर मकान बना लिए हैं। ट्विटर विवाद पर बोले सिद्धू- क्या लिखूं, कलम जकड़ में हैं.. कराची औद्योगिक इकाई में लगी भीषण आग, 3 श्रमिकों की हुई मौत अफगानिस्तान में 4.9 तीव्रता का भूकंप