त्रिपुरा: इस उग्रवादी संगठन ने CM बिप्लब देब के सामने किया आत्मसमर्पण

मंगलवार को त्रिपुरा के उग्रवादी संगठन  नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा-सबीर देबबर्मा  (एनएलएफटी-एसडी) के सदस्यों ने अंबासा में मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब की मौजूदगी में आज (मंगलवार) आत्मसमर्पण कर दिया है.

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्र, त्रिपुरा और उग्रवादी संगठन  (एनएलएफटी-एसडी) के बीच शनिवार (10 अगस्त) को एक  त्रिपक्षीय समझौते (मेमोरेंडम ऑफ सेटलमेंट) पर हस्ताक्षर किए गए. इसके तहत यह तय किया गया था कि उग्रवादी संगठन के 88 सदस्य अपने हथियार डाल देंगे. इसके बाद एनएलएफटी-एसडी के प्रतिनिधियों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की थी.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस उग्रवादी संगठन ने 2005 से 2015 के बीच 10 साल में 317 हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया. इनमें 28 सुरक्षाबलों समेत 90 लोगों की मौत हुई। 1989 में यह उग्रवादी संगठन सक्रिय हुआ था. एनएलएफटी अंतरराष्ट्रीय सीमापार अपने शिवरों के जरिए हिंसा फैलाई है. इसके बाद सरकार ने 1997 में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत प्रतिबंध लगा दिया था. 2015 में एनएलएफटी के साथ शांति वार्ता शुरु की गई थी. 2016 के बाद से संगठन के उग्रवादियों ने किसी हिंसक कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया.सरकार की ओर से जारी पत्र के मुताबिक, समझौते पर केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पूर्वोत्तर) सत्येंद्र गर्ग, त्रिपुरा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) आलोक कुमार और एनएलएफटी-एसडी की ओर से सबीर कुमार देबबर्मा और काजल देबबर्मा ने हस्ताक्षर किए थे. सरकार ने एनएलएफटी-एसडी नेताओं को आश्वासन दिया था कि आत्मसमर्पण करने वाले उसके सदस्यों को केंद्रीय गृह मंत्रालय की 'आत्मसमर्पण सह पुनर्वास योजना-2018' के तहत लाभ प्रदान किए जाएंगे.

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