हैदराबाद: 2019 लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से महागठबंधन में दरार नज़र आ रही है. चुनाव के बाद 21 मई को गठबंधन की सभावनाओं को लेकर विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गई है. किन्तु तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) 21 मई को विपक्षी पार्टियों की चुनाव के बाद गठबंधन की संभावना पर चर्चा करने के लिए आयोजित बैठक में शामिल नहीं होगी. पार्टी के एक शीर्ष नेता ने शुक्रवार को इस बात का इशारा किया है. तेलंगाना के सीएम तथा टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव के करीबी तथा करीमनगर से लोकसभा सांसद विनोद कुमार ने कहा है कि पार्टी ऐसी किसी भी बैठक में शामिल नहीं हो सकती जिसमें तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू शामिल रहेंगे. सूत्रों के अनुसार आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्र बाबू नायडू ने दो दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भेंट की थी और उनके बीच 21 मई को विपक्षी दलों की बैठक बुलाने पर करीब करीब सहमति भी बन गयी थी. बताया जा रहा था कि बैठक में नायडू के हिस्सा लेने से टीआरएस नज़र है. विनोद कुमार ने कहा कि, 'हम चंद्रबाबू नायडू के साथ किसी बैठक में भाग नहीं ले सकते. यह बहुत स्पष्ट है. आपको बता दें कि टीआरएस का यह रवैया नया नहीं है. नायडू और केसीआर एक दूसरे को फूटी आंख देखना पसंद नहीं करते. यह दोनों ही दल कट्टर विरोधी है. ऐसे में गठबंधन पर संकट नजर आ रहा है. वेंकैया नायडू ने हनोई में किया भारतीयों को संबोधित, रिश्ता मजबूत करने पर दिया जोर कांग्रेस पर जमकर बरसे पीएम मोदी, कहा- सेना अध्यक्ष को गली का गुंडा कहते हैं ये लोग 1984 सिख दंगों को लेकर चढ़ा सियासी पारा, भाजपा ने राजीव गाँधी को कहा 'कातिलों का सरगना'