नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप अपने संरक्षणवादी नीतियों के कारण अक्सर निशाने पर रहते हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका में सत्ता संभालने के वक्त अमेरिका पहले की नीति पर चलने का ऐलान किया था। ट्रंप के निशाने पर खासतौर पर भारत और चीन जैसे विकासशील देश रहे हैे। राष्ट्रपति ट्रंप शुरू से ही इन देशों के खिलाफ आकआमक रूख अपनाए रखा है। ट्रंप ने ताजे हमले में कहा कि वह इन देशों को विश्व व्यापार संगठन से मिल रहे दर्जे का लाभ नहीं उठाने देगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने विश्व व्यापार संगठन से यह पूछा था कि वह किसी देश को विकासशील देश का दर्जा किस आधार पर देता है। ट्रंप का इसके पीछे मकसद है कि वह वैश्विक व्यापार नियमों के तहत फायदा पा रहे चीन, तुर्की और भारत को इस व्यवस्था से अलग कर सके। ट्रंप ने कहा, ‘वे (भारत और चीन) सालों से हमारा लाभ उठा रहे हैं।’ उन्होंने उम्मीद भी जताई कि डब्ल्यूटीओ अमेरिका के साथ निष्पक्ष रूप से व्यवहार करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने देश के व्यापार प्रतिनिधियों से कहा है कि अगर कोई विकसित अर्थव्यवस्था WTO की खामियों का फायदा उठाए, तो वे उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करे। मंगलवार को एक सभा को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा था, 'एशिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं, भारत और चीन, अब कोई विकासशील देश नहीं रहे और वे डब्ल्यूटीओ से लाभ नहीं ले सकते। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप ने इन देशों पर हमला करते हुए कहा कि दक्षिण एशियाई देश टैरिफ लगाने के मामले में सबसे आगे रहते हैं। यूएस-चाइना ट्रेड वार राष्ट्रपति ट्रंप के नजरिये को दिखाता है। वाहन उद्योग में 13 लाख लोगों ने गंवाई नौकरी यूएस-चाइना ट्रेड वार से चीन को भारी नुकसान एतिहाद ने जेट एयरवेज में निवेश बढ़ाने से किया इनकार