ट्रंप की जीत से बेहतर होंगे भारत -अमेरिकी संबंध

वाॅशिंगटन। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के 45 वें राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद अब इस बात पर चिंतन किया जा रहा है कि अमेरिका और भारत के बीच किस तरह के संबंध रहेंगे। अमेरिका और भारत के बीच वीज़ा नियम पर इसका क्या असर होगा। इस मामले में विशेषज्ञों का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा भारत-अमेरिका के संबंधों पर सकारात्मक कार्य किया जाएगा। इतना ही नहीं आतंकवाद पर पाकिस्तान की दोहरी नीतियों को लेकर उदारता बरती जाएगी। हालांकि एच - 1 बी वीज़ाओं का मसला देश के साथ टकराव वाला हो सकता है।

दरअसल, अमेरिकी थिंक टैंक हेरिटेज फाउंडेशन की लिजा कर्टिस द्वारा यह कहा गया कि ऐसा लगता है कि ट्रंप का प्रशासन कुछ ही वर्षों में भारत -अमेरिका संबंधों के क्षेत्र में अच्छा कार्य करेगा। एशिया प्रशांत क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय आदेश और मुक्त व खुला समुद्री पारगमन तय करने में अमेरिकी उद्देश्य की प्राप्ति में देश में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाएगा। इधर, हेरिटेज में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा मसलों और क्षेत्रीय भू-राजनीति पर केंद्रित लिज़ा द्वारा कहा गया कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने चुनाव प्रचार के तहत भारत को लेकर अच्छी टिप्पणी की। उनका कहना था कि आतंकवाद के मसले पर ट्रंप कड़ा रूख अपना रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, पाकिस्तान में आतंकी समूह बड़े पैमाने पर मौजूद हैं यह बात वैश्विक स्तर पर सामने आ चुकी है ऐसे में ट्रंप का समर्थन भारत को मिल सकता है। विशेषज्ञ लिजा कर्टिस ने कहा, एच - 1 बी वीजा दोनों ही देशों के मध्य टकराव का क्षेत्र हो सकता है। उनका कहना था कि एच - 1 बी वीजा का मसला संभावित टकराव वाला हो सकता है।

फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अमेरिकी कामगारों को सुरक्षा देने हेतु ट्रंप के वैश्विक कारोबार की पृष्ठभूमि विभिन्न प्रतिबद्धताओं पर असर फैला सकती है।

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