किसी रिश्ते को निभाने के लिए सच्चाई और ईमानदारी जरूरी होती है. जब बात प्रेम या पारिवारिक संबंधो की हो तब यह जरूरी हो जाता है. कभी-कभी ऐसा भी होता है रिश्तों को जिन्दा रखने के लिए थोड़ी बहुत बेईमानी करनी पड़ती है. वैसे भी बड़े बुजुर्ग कह कर गए है कि आटे में नमक मिलाने से रोटी का स्वाद बढ़ जाता है. जरूरी नहीं कि हम जिससे प्यार करे वही हमारा जीवनसाथी बने. इसलिए जब हम शादी करके जीवन में स्थिर हो जाते है तब पुरानी मोहब्बत और उसके लम्हे सिर दर्द बन जाते है. कही न कही आप ये सोचते है कि अपने जीवनसाथी को अतीत के बारे में बताना चाहिए या नहीं. इस मामले में आपको यह समझने की जरूरत है कि यह बहुत सेंसिटिव सब्जेक्ट है, इसे स्वीकारने के लिए आपका जीवनसाथी तैयार है या नहीं. ऐसे में खुद की भावनाओं पर काबू रखे. जब व्यक्ति खुद को खुश रखना चाहता है तब वह शरीर में कुछ हार्मोन के स्त्राव के कारण दिमाग की सारी बातों को प्रकट कर देता है. मगर आप नहीं जानते सामने वाला इस पर क्या प्रतिक्रिया देगा. यदि आपका जीवनसाथी आपको लेकर बहुत पजेसिव है तो बेहतर है आप बातें न बताएं. पूरी तरह से ईमानदारी बरतने से पहले अच्छी तरह सोच ले. ये भी पढ़े हाथ से हाथ मिलाते ही दर्द हो जाता है दूर डेट के लिए पूछने में डर लगता हैं तो फॉलो करे ये टिप्स यदि ऑफिस में हो आपसे जलने वाला सहकर्मी