कुरान की दुहाई देकर तालिबान को समझाने की कोशिश..! लड़कियों की पढ़ाई पर लगाया बैन

काबुल: अफगानिस्तान में तालिबानी शासन के बाद महिलाओं की शिक्षा पर लगातार प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। हाल ही में एक नया फैसला लिया गया, जिसमें महिलाओं को मेडिसिन की पढ़ाई करने से रोका गया है। इस फैसले के खिलाफ कई लोगों ने आवाज उठाई है, जिनमें अफगानिस्तान के प्रसिद्ध क्रिकेटर राशिद खान और मोहम्मद नबी भी शामिल हैं।

राशिद ने सोशल मीडिया पर कहा कि तालिबान सरकार का यह फैसला उन्हें बहुत दुखी कर रहा है। उन्होंने इस्लाम में शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि कुरान सभी के लिए शिक्षा पर जोर देता है। राशिद ने यह भी बताया कि इस प्रतिबंध का असर केवल महिलाओं पर ही नहीं, बल्कि पूरे समाज पर पड़ेगा। अफगानिस्तान को खासतौर पर महिला डॉक्टरों और नर्सों की सख्त जरूरत है ताकि महिलाओं की स्वास्थ्य सेवाएँ और गरिमा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने तालिबान से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की।

मोहम्मद नबी ने राशिद खान का समर्थन करते हुए तालिबान के फैसले को अन्यायपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इस्लाम हमेशा से शिक्षा को महत्व देता आया है और मुस्लिम इतिहास में कई ऐसी महिलाओं के उदाहरण हैं जिन्होंने ज्ञान के माध्यम से समाज में बदलाव लाया। नबी ने तालिबानी सरकार से अपील की कि लड़कियों को पढ़ाई की अनुमति दी जाए ताकि वे अफगानिस्तान के बेहतर भविष्य में योगदान दे सकें।

तालिबान के शासन में महिलाओं पर कई प्रतिबंध लगाए गए हैं। पहले छठी कक्षा के बाद लड़कियों के स्कूल जाने पर रोक लगाई गई। फिर विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाली महिलाओं को भी शिक्षा से वंचित कर दिया गया। अब, मेडिसिन की पढ़ाई पर प्रतिबंध से महिलाओं के लिए शिक्षा के रास्ते और सीमित हो गए हैं। इस तरह के फैसलों से अफगानिस्तान के विकास और महिलाओं के अधिकारों पर गंभीर असर पड़ रहा है।

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