अमृतसर: देश से आए दिन कई तरह मामले सामने रहते है इस बीच बृहस्पतिवार को अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर निर्माण कर्मचारियों तथा सिख एक्टिविस्‍ट के एक समूह के बीच बृहस्पतिवार प्रातः झड़प हो गई। यह केस, अकाल तख्त सचिवालय के समीप का है जब खुदाई कार्य के चलते प्राप्त हुई भूमिगत सुरंग जैसी संरचनाओं में कंक्रीट भरने का प्रयास किया जा रहा था। बता दें कि 2 जुलाई को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने जोरा घर (मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए जूते रखने की जगह) तथा गठरी घर (क्लोक हाउस) को प्रवेश द्वार की तरफ विकसित करने का काम आरम्भ किया था। यह कार सेवा (स्वैच्छिक सेवा) बाबा कश्मीर सिंह भूरीवाले को सौंपी गई थी। इंडियन एक्‍प्रसेस की रिपोर्ट के मुताबिक, निर्माण कर्मचारी पोर्टल की खुदाई कर रहे थे, जब नानकशाही ईंटों से बनी सुरंगों जैसी दो संरचनाओं की तलाश की गई। उस के चलते कुछ हेरिटेज एक्टिविट्स यह चाहते थे कि उन सुरंगों की जांच की जाए। मगर एसजीपीसी ने काम नहीं रोका। वही उसके पश्चात् सिख कार्यकर्ता तथा भजन गायक बलदेव सिंह वडाला अपने समर्थकों के साथ अवसर पर पहुंचे तथा उनके समर्थक कंस्‍ट्रक्‍शन वर्कर्स से भिड़ गए। इस केस पर वडाला ने बताया, ‘हम केवल एसजीपीसी से इन संरचनाओं की जांच कराने के लिए बोल रहे थे। यह संरचनाएं सिख गुरुओं के काल की हो सकती हैं। मगर वे जांच की जगह इन्‍हें कंक्रीटों से ढकना चाहते थे। पहले से ही कार सेवक संगठनों के द्वारा पंजाब के भीतर तथा बाहर एतिहासिक गुरुद्वारा इमारतों को बहुत हानि पहुंचाई गई है। हमारी बात सुनने की जगह हमपर हमला किया गया है।’ डेल्टा वेरिएंट के डर से इस राज्य ने लगाया 10 दिन तक सम्पूर्ण लॉकडाउन आज सोनिया गाँधी से मिलने पहुंचेंगे नवजोत सिंह सिद्धू, मिल सकती है पंजाब कांग्रेस की कमान! राहुल-दिशा की शादी में नहीं जा पाएंगी राखी सावंत, बताया कारण