नई दिल्ली : वायु प्रदूषण को लेकर भारत की स्थिति चिंताजनक होती जा रही है. इस कारण देश में हर मिनट दो लोगों की मौत होती है. यह खुलासा चिकित्सा क्षेत्र की पत्रिका द लांसेंट में छपी एक रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विश्व के कई सबसे प्रदूषित शहर भारत में हैं तथा इस वजह से प्रति वर्ष यहां एक लाख से अधिक लोग मरते हैं, जबकि पर्यावरण राज्य मंत्री के अनुसार भारत वायु प्रदूषण पर निगरानी के लिए प्रति वर्ष 7 करोड़ रुपए खर्च करता है. उक्त अध्ययन में कहा गया है कि वायु प्रदूषण और पर्यावरण में बदलाव आपस में जुड़े हुए हैं और इसी कारण इन्हें एक साथ दूर करने के प्रयास किए जाने चाहिए. पत्रिका के अनुसार उत्तरी भारत में भारी धुंध मौतों का कारण है, जबकि विश्व बैंक के एक अध्ययन के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण घरेलू बाजार को श्रम में कमी के कारण आय में 38 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. 48 शीर्ष वैज्ञानिकों की इस रिपोर्ट में पटना और नई दिल्ली हवा में पार्टिकुलेट मैटर का स्तर 2.5 होने के साथ ही ये विश्व के सबसे प्रदूषित शहर बताए गए हैं. बता दें कि हाल ही में संसद में दिए गए एक बयान में पर्यावरण, वन एवं पर्यावरण परिवर्तन (राज्य) मंत्री अनिल दवे ने कहा था कि सरकार प्रति वर्ष वायु प्रदूषण पर निगरानी के लिए सात करोड़ रुपये खर्च करती है. साथ ही यह भी कहा था कि वायु प्रदूषण के कारण फेफड़ों से संबंधित बीमारियों से ग्रसित होने वाले लोगों के बारे में कोई विश्वसनीय शोध उपलब्ध नहीं है. यह भी पढ़ें दिल्ली में खुली है ऐसी जगह, जहाँ आप निकाल सकते हैं अपना गुस्सा उच्च न्यायालय ने पुलिस को दिया आदेश, ओला, उबर चालकों की सुरक्षा करें सुनिश्चित