नई दिल्ली: कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान 95 फीसद मौतों को रोकने में कोरोना वैक्सीन की दो खुराक सफल रही. हालांकि, एक वैक्सीन लगवाने वालों में मौतें 82 फीसद कम थीं. सरकार ने भारतीय परिषद द्वारा किए गए एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि खतरे का अधिक सामना करने वाले पुलिसकर्मियों को कोरोना वैक्सीन की दो डोज़ देने से डेल्टा वैरिएंट के चलते आई दूसरी लहर में कोरोना वायरस से 95 प्रतिशत मौत रोकने में कामयाबी मिली है. नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने यह रिसर्च पेश की, जिसे तमिलनाडु में कराया गया था. अध्ययन में पता चला कि वैक्सीन नहीं लगवाने वाले पुलिसकर्मियों में कोरोना संक्रमण के कारण मौत का फीसद 20 था, जबकि एक डोज़ लेने वालों में यह सात फीसदी और दूसरी खुराक लेने वालों में चार फीसद था. इसके साथ ही जिन पुलिसकर्मियों ने वैक्सीन की पहली डोज़ ली थी, उनमें वैक्सीन की प्रभाव क्षमता 82 फीसद थी, जबकि दोनों डोज़ लेने वालों में यह 95 फीसद थी. यह रिसर्च इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दूसरी लहर के दौरान आयोजित किया गया था, जो अधिकतर डेल्टा वेरिएंट के प्रसार से प्रेरित था. अध्ययन के निष्कर्ष शुक्रवार को नीति आयोग के सदस्य-स्वास्थ्य डॉ वी के पॉल द्वारा प्रस्तुत किए गए. इस दौरान उन्होंने गंभीर संक्रमण और मौतों को रोकने में टीकाकरण के महत्व के बारे में भी बताया. एसबीआई ने एकीकृत डिजिटल बैंकिंग और शॉपिंग प्लेटफॉर्म को किया लॉन्च पिछले कुछ वर्षों में बढ़ा झींगे का व्यापार, दुगनी हुई निवेश की कीमत ओडिशा में गर्भवती महिलाओं का तेजी से किया जा रहा है टीकाकरण