महामारी कोरोना के इलाज के लिए भारत में भी इसकी दवा खोजी जा रही है. वही, काउंसिल फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्टि्रयल रिसर्च (सीएसआइआर) को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआइ) से कोविड-19 से मुकाबले के लिए दो दवाओं- फेविपिरविर और फाइटोफार्मास्युटिकल के क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी मिल गई है. अमनमणि प्रकरण में अलग से जांच नहीं करवा रही है उत्तराखंड सरकार आपकी जानकारी के लिए बता दे कि फेविपिरविर दवा का इस्तेमाल आम तौर पर जापान, चीन और कुछ अन्य देशों में इंफ्लुएंजा के इलाज में किया जाता है. सीएसआइआर फाइटोफार्मास्युटिकल के रूप में जैविक दवा की खोज कर रहा है, जिसे पहले से ही डेंगू के इलाज में सफल पाया गया है. अब कोविड-19 के खिलाफ इसके प्रभाव की जांच की जा रही है. कोरोना लॉकडाउन की मुश्किलों को ऐसे आसान बना देंगे अपने बयान में सीएसआइआर के महानिदेशक शेखर मंडे ने कहा कि वे एक सप्ताह के भीतर इन दवाओं का क्लीनिकल ट्रायल शुरू करेंगे. उन्होंने कहा कि सीएसआइआर कई प्रसिद्ध दवा कंपनियों के साथ काम कर रहा है. वह यह देखने की कोशिश कर रहा है कि क्या कोविड-19 के खिलाफ एक निश्चित समाधान ला सकता है. इस संबंध में कुछ कंपनियों के साथ कल रात क्लीनिकल ट्रायल शुरू किए गए हैं. आखिर क्या है वंदे भारत मिशन ? जिसके तहत घर वापसी करेंगे भारतीय Video: ग़ाज़ियाबाद में ATM मशीन के अंदर घुस गया सांप, मचा हड़कंप Fact Check: क्या गूगल ने PoK को भारत में मिलाया, मैप से LoC भी गायब ?