मुंबई: महाराष्ट्र की पूर्व भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा आरंभ की गई “प्रज्ज्वला” योजना के क्रियान्वयन में कथित तौर पर हुए सरकारी पैसे के गलत इस्तेमाल की जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी। राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार में महिला एवं बल कल्याण मंत्री यशोमती ठाकुर ने विधान परिषद में सोमवार को इस संबंध में जानकारी दी है। प्रज्ज्वला योजना को 2019 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने शुरू किया था, जिससे महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों को कानूनी मामलों, सामाजिक और आर्थिक जानकारी दी जा सके। महाराष्ट्र महिला आयोग ने इस योजना का क्रियान्वयन किया था। शिवसेना MLA मनीषा कायंदे द्वारा लाये गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर ठाकुर ने कहा कि, 'राज्य सरकार एक जांच समिति का गठन करेगी जो प्रज्ज्वला योजना के तहत राज्य सरकार के पैसों के कथित दुरूपयोग की जांच करेगी। महिला आयोग की तत्कालीन अध्यक्ष को भी इस आयोग के समक्ष पेश होना पड़ेगा।' बता दें कि भाजपा की विजया रहटकर 2014-19 के बीच महिला आयोग की प्रमुख थीं। कायंदे ने परिषद को बताया कि राज्य महिला आयोग की अधिकारियों द्वारा सौंपे गए बिल हाथ से लिखे गए थे और वे अंतिम नहीं थे। उन्होंने आगे कहा कि, 'जो बिल सौंपे गए वह उचित प्रारूप में नहीं थे, जैसा कि दिशा निर्देशों के मुताबिक जरूरी होता है। इस योजना को सभी 288 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में लागू किया जाना था, मगर इसे सिर्फ चुनिंदा 98 निर्वाचन क्षेत्रों में ही लागू किया गया।' कायंदे ने आगे कहा कि विधानसभा क्षेत्रों का चयन इस तरह किया गया कि योजना का लाभ सिर्फ भाजपा को मिले। पंजाब के बाद अब हिमाचल प्रदेश पर AAP की नज़र, सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी पार्टी सियासत को अलविदा कह सकते हैं दिग्गज कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आज़ाद, जम्मू में दिए संकेत 'देश को दूसरे विभाजन की तरफ धकेल रही भाजपा..', केंद्र सरकार पर महबूबा मुफ़्ती का आरोप