मुंबई: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने भले ही कुछ तल्ख टिप्पणियां की हैं, लेकिन सरकार बचने के चलते मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने फैसले पर खुशी प्रकट की है। फडणवीस ने कहा कि हम शीर्ष अदालत के फैसले से सहमत हैं। इस फैसले से लोकतंत्र जीता है। उन्होंने कहा कि पहली बात यह है कि महाविकास अघाड़ी (MVA) की उम्मीदों पर सुप्रीम कोर्ट ने पानी फेर दिया है। वहीं, उद्धव ठाकरे के दोबारा सीएम बनने का अरमान भी टूट गया है, हालाँकि अगले चुनाव की बात अलग है, लेकिन अभी नहीं। अदालत ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि विधायकों को अयोग्य घोषित करने का अधिकार स्पीकर के पास ही है और वही फैसला लेंगे। अपने आदेश में कोर्ट ने यह भी कहा है कि शिवसेना के बारे में निर्णय लेने का पूरा अधिकार निर्वाचन आयोग के पास ही है। इस पर फडणवीस ने कहा कि विधानसभा में किसी पार्टी के किस गुट को मान्यता प्रदान करनी है, यह फैसला भी स्पीकर पर छोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले से स्पष्ट है कि हमारी सरकार स्थिर है और पूरी तरह से कानून के दायरे में है। इतना ही नहीं उद्धव ठाकरे की तरफ से नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की बात का भी फडणवीस ने उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि उद्धव तो कम से कम सिद्धांत और नैतिकता की बात न करें। वह शिवसेना के सिद्धांतों से समझौता करके गए थे, जबकि एकनाथ शिंदे ने सिद्धांतों के लिए ही हमारे साथ सरकार बनाई। उद्धव को पता था कि वह फ्लोर टेस्ट में हार रहे हैं। इसीलिए उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। फडणवीस ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने चुनाव तो भाजपा के साथ जीता था, मगर सीएम बनने के लालच से कांग्रेस और NCP के साथ चले गए। सिद्धातों से यही सबसे बड़ा समझौता था। 'मेरे हाथ बांधकर नदी में छोड़ दिया गया था.., प्रधानमंत्री पिता समान..', सुप्रीम फैसले के बाद गदगद सीएम केजरीवाल ईशनिंदा के आरोप में दो लोगों को फांसी, ईरान ने 5 महीने में 230 को दी सजा-ए-मौत पायलट की पदयात्रा से बेफिक्र कांग्रेस हाईकमान! लेकिन 'निष्पक्ष' पत्रकार बेहद परेशान, आखिर क्यों ?