नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी शिवसेना हमेशा से ही हिंदुत्व की राजनीति के लिए जानी जाती है. शिवसेना के वोट बैंक का बड़ा हिस्सा हिन्दू समुदाय से जुड़ा हुआ है. लेकिन अब शिवसेना मुस्लिम वोटर्स का ध्यान भी अपनी ओर आकर्षित करना चाहती है. महाराष्ट्र में जारी मराठा आरक्षण आंदोलन पर शिवसेना ने कहा है कि ना केवल मराठाओं को बल्कि उनके साथ-साथ धांगड़, कोली और मुस्लिमों को भी आरक्षण मिलना चाहिए. राम मंदिर : 'शिव' सेना को राम का सहारा, चलो अयोध्या का दिया नारा शिवसेना ने यह भी कहा है कि इस मुद्दे पर वह राज्य और केंद्र सरकार का साथ दे सकती है. पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुस्लिमों का पक्ष लेते हुए कहा है कि अगर मुस्लिम समुदाय की ओर से जायज मांग उठाई जा रही है, तो सरकार को उसके बारे में भी सोचना चाहिए. शिवसेना ने इस दौरान अपनी सहयोगी सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का विरोध भी किया. शिवसेना ने मांगा मोदी से इस्तीफा, पूछा कहां से लाते हो रैलियों के लिए पैसा बता दे कि हाल ही में बॉम्बे शीर्ष अदालत ने मुस्लिमों को 5 फीसदी कोटा दिए जाने का आदेश दिया था. इस आदेश की शिवसेना द्वारा अवहेलना भी की गई है और सरकार के ख़िलाफ़ विरोध जाहिर किया गया. बता दे कि शिवसेना प्रमुख के इस बयान को समझना हर किसी के लिए थोड़ा मुश्किल लग रहा है. क्योंकि शिवसेना हमेशा से ही कट्टर हिंदुत्व की राजनीति के लिए जाने जाती है. कहा जा रहा है शिवसेना आने वाले चुनाव को ध्यान में रखते हुए मुस्लिम समुदाय को लुभाना चाहती है. ख़बरें और भी... जन्मदिन विशेष : 58 के हुए 'शिव' सैनिक उद्धव ठाकरे उग्र हुआ मराठा आरक्षण, मुंबई बंद का ऐलान रामदेव और शिवसेना के बाद BJP भी हुई राहुल की मुरीद