मुंबई: कोरोना महामारी के बीच ऐसा लग रहा है कि महाराष्ट्र की राजनीति में सबकुछ सही नहीं चल रहा है. तीन पार्टियों के गठबंधन से बनी उद्धव सरकार में भी जैसे मनमुटाव का कोई वायरस घर कर रहा है. यही कारण है कि पिछले एक सप्ताह के अंदर राज्य के मुखिया उद्धव ठाकरे और एनसीपी चीफ शरद पवार की दूसरी मुलाकात हुई है. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और शरद पवार के बीच किसी मामले पर सहमति नहीं बन पा रही है. शनिवार को दोनों ही नेताओं की एक और मीटिंग हुई है. राज्य के दोनों वरिष्ठ नेताओं की यह बैठक सीएम के आधिकारिक निवास वर्षा में हुई है. प्रफुल्ल पटेल ने एक निजी न्यूज़ चैनल से हुई विशेष बातचीत में कहा कि प्राकृतिक आपदा पर सियासत करना ठीक नहीं है. महाराष्ट्र सरकार वेंटिलेटर पर नहीं है. महाराष्ट्र सरकार सही काम कर रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि शरद पवार अच्छा काम करने पर मोदी की प्रशंसा करते हैं, वो कभी हल्की सियासत नहीं करते. महाराष्ट्र में भी सरकार को शरद पवार के अनुभव का लाभ मिलता है. कोरोना काल में गवर्नर से मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राज्यपाल के निमंत्रण पर उनसे मिलने के लिए गए थे. शरद पवार ने कभी लक्ष्मण रेखा पार नहीं की. इससे पहले पिछली बार जब इन दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी राज्य में मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने उद्धव सरकार पर संकट की बात कही थी. किन्तु मीडिया से बात करते हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि हम सभी दल उद्धव सरकार के साथ हैं. मेरी मुलाकात का मुख्य उद्देश्य कोरोना के खिलाफ लड़ाई को लेकर कुछ सुझाव देना था. ठाकरे सरकार के ऊपर कोई संकट नहीं है. हर राज्य को जारी रखना है लॉकडाउन, नए नियम के साथ रहेगा बंद लॉकडाउन को पूर्ण रूप से खोलने के लिए बनाए गए तीन चरण, जानें कब खुलेगा कौन सा क्षेत्र किसान सम्मान निधि में लाभार्थियों की लिस्ट ऐसे करें चेक