रक्षाबंधन : ये है उगने वाली राखी जो कभी नहीं होगी ख़राब

रक्षाबंधन भाई बहन के प्यार का प्रतीक है जिससे दोनों के बीच जीवनभर बना रहता है. राखी के दिन बहन अपने भाई को कलाई पर राखी बांधती है और जीवनभर अपनी रक्षा का वचन लेती है. बाजार में कई तरह की राखियां बिकती है जो हमे हमारे भाई के लिए पसंद भी आती है. लेकिन ये राखियां कुछ ही दिन में ख़राब भी हो जाती हैं और कहीं कोने में पड़ी रहती है. पर आज हम आपको ऐसी राखी के बताने जा रहे हैं जिसे आप ऊगा भी सकते हैं. 

आज हम ऐसी राखी के बारे में बात कर रहे हैं जिसे बो सकते हैं और इसमें बीज भी होते हैं. ऐसी राखी खत्म नहीं होती बल्कि समय के साथ बढ़ती, फलती-फूलती जाती हैं और एक पौधे के रूप में नया जीवन पा लेती हैं. इसके बारे में इवॉल्व फाउंडेशन की नुपूर अग्रवाल कहती हैं, बीते वर्षों में चीन से आने वाली प्लास्टिक की राखियों का प्रयोग बढ़ा है. 

हाँ मुझे राखी नहीं पसंद, क्योंकि मुझे ऑफिस जाना पड़ता है

उन्होंने बताया कि हमारे सारे उत्पाद उत्तराखंड के तौली बुध गांव की महिलाएं और पुरूष बनाते हैं. इसके लिए जो भी सामग्री आती है वो खेतों से आती है और ये राखी पर्यावरण के लिए भी सही है साथ ही लोगों को एक रोजगार के रूप में भी मिल रही है. आपको बता दें, बोयी जाने वाली राखियों की कीमत 251 रूपए से शुरू है और दस राखियों के सेट लिए यह 1,001 रूपए है.

राखी में बीज के साथ एक राखी बॉक्स भी है जिसमें मिट्टी के साथ और भी बुवाई के काम रखें हैं. इस राखी पर प्लांटसिल की दिव्या शेट्टी का मानना है कि पर्यावरण के अनुरूप ये राखियां ग्राहकों का ध्यान आकर्षित कर रही हैं. भाई और बहन का रिश्ता एक पौधे की तरह हमेशा फलता-फूलता रहता है. इतना ही नहीं इस राखी के बीज एक साल तक खराब नहीं होते और अब तक वो चार लाख प्लांटेबल राखी बॉक्स बेच चुके हैं.

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