नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से संबंधित पूरे देश की यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में फाइनल ईयर की परीक्षाएं 30 सितंबर तक आयोजित करवाने के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई को शुक्रवार को 10 अगस्त तक के लिए आगे बढ़ा दिया है. अब UGC ने कहा है कि किसी को भी इस ख्याल में नहीं रहना चाहिए कि ये मामला शीर्ष अदालत में विचाराधीन है, इसीलिए अदालत ने परीक्षा रोक दी है. छात्रों को अपनी पढ़ाई की तैयारी चालू रखनी चाहिए. आज सुनवाई में वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि काफी सारे विश्विद्यालयों में ऑनलाइन परीक्षा के लिए आवश्यक सुविधाएं नहीं हैं. इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि ऑफलाइन का भी ऑप्शन है. फिर वकील ने कहा कि किन्तु काफी सारे लोग स्थानीय हालात या बीमारी की वजह से ऑफलाइन परीक्षा नहीं दे पाएंगे. फिर अदालत ने कहा कि उन्हें बाद में परीक्षा देने का ऑप्शन देने से और भ्रम फैलेगा। किन्तु ये तो स्टूडेंट्स के हित में दिखाई देता है. इसके अलावा शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र में स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी की ओर से लिए गए फैसले की प्रतिलिपि रिकॉर्ड पर रखने के लिए कहा है. इससे पहले UGC ने गुरुवार को शीर्ष अदालत में अपना जवाब दाखिल किया था. जिसमें कहा गया कि अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितंबर तक आयोजित करवाने का उद्देश्य छात्रों का भविष्य संभालना है ताकि छात्रों की अगले साल की पढ़ाई शुरू करने में देरी ना हो. पूरे देश के विश्वविद्यालयों में फाइनल ईयर की एग्जाम करवाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शीर्ष अदालत ने UGC को जवाब देने के लिए कहा था. भेदभाव का शिकार हुए इरफ़ान के बेटे, कहा- 'मुझे एंटी नेशनलिस्ट बोला तो नाक तोड़ दूंगा...' अगस्त महीने से आपके हाथ में कम आएगी सैलरी, बदलने वाला है ये बड़ा नियम बाजार की सुस्त शुरुआत, रिलायंस का शेयर भी लुढ़का