यूक्रेन की दयाना यास्त्रेम्स्का शनिवार (5 मार्च) ल्योन डब्ल्यूटीए ओपन के फाइनल में अपना स्थान बनाने में कामयाब हो चुकी है। एक हफ्ते पूर्व यास्त्रेम्स्का रूसी हमलों में बाल-बाल बच गई थीं। उनके शहर ओदेसा पर बम से अटैक शुरू हो गए। 21 वर्ष यास्त्रेम्स्का फाइनल मुकाबले के लिए यूक्रेन का झंडा लपेट कर उतरीं थी। उन्होंने रोमानिया की दूसरी रैंकिंग प्राप्त सोराना क्रिस्टिया को 7-6 (7/5), 4-6, 6-4 से मात दी। यास्त्रेम्स्का और क्रिस्टिया के मध्य यह मुकाबला ढाई घंटे तक चलता रहा। मैच जीतने के उपरांत यास्त्रेम्स्का अपने घुटनों के बल बैठ गईं। उन्होंने मुकाबले के उपरांत प्रेस कांफ्रेंस में बोला है कि, "मैं अंदर के बहुत मजबूत हूं। इसलिए मुझे लगता है कि मैं हर चीज से निपट सकता हूं। मैं यूक्रेनी हूं और यूक्रेनी लोग बहुत मजबूत हो चुके है। आप इसे अब युद्ध के दौरान देखने वाले है। अब से मेरी हर जीत मेरे देश की है। जो हो रहा है उसकी तुलना में यह बड़ा नहीं है।" चीन की झांग शुआई से होगा फाइनल: रविवार को विश्व के 140वें नंबर के खिलाड़ी यास्त्रेम्स्का का सामना चीन की 64वीं रैंकिंग की झांग शुआई से होने वाला है। शुआई ने खिताब सेमीफाइन में फ्रांस की कैरोलिन गार्सिया को 6-2, 7-5 से मात दी है। 2020 में एडिलेड में एश्ले बार्टी से हारने के बाद यह उनका पहला फाइनल होने वाला है। बम धमाकों के बीच खुली थी नींद: यास्त्रेम्स्का बीते शनिवार को ल्योन आई हुई थीं। उन्होंने बोला है कि यूक्रेन में एक दिन उनकी नींद बम धमाकों के मध्य खुली थी। रूस ने हमला भी कर दिया था। फ्रांस तक पहुंचना उनके लिए बहुत मुश्किल भरा है। यास्त्रेम्स्का और उनके परिवार ने हमलों से बचने के लिए 2 रातें ओदेसा के एक भूमिगत कार पार्किंग में कही गई थी। उन्होंने अपनी बहन के साथ रोमानिया पहुंचने के लिए नाव से डेन्यूब नदी पार की थी। पिता और मां यूक्रेन में ही रह गए: यास्त्रेमस्का और उनकी 15 वर्ष की बहन इवान्ना को अलविदा कहने के उपरांत उनके पिता और मां यूक्रेन में ही रह गए। यास्त्रेम्स्का ने तनावपूर्ण सेमीफाइनल के उपरांत बोला है, "मुझे अभी जो महसूस होने लगा है, उसके बारे में सोचने की भी आवश्यकता है। मुझे वास्तव में भरोसा नहीं हो रहा है कि मैं फाइनल में आ चुकी हूं।" यास्त्रेम्स्का ने तीन डब्ल्यूटीए खिताब जीते हैं, लेकिन उनका पिछला खिताब मई 2019 में स्ट्रासबर्ग में आया था। मैक्सिको में फुटबॉल मैच के दौरान हुआ हंगामा, दर्शकों के बीच हुई झड़प एशियाई जूनियर और कैडेट चैंपियनशिप में भारतीय तलवारबाजों ने दिखाया दम एक बार फिर इंडियन वुमन ने रचा इतिहास, विश्व पैदलचाल चैंपियनशिप में जीता मैडल