नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद ने गुरुवार को एक कोर्ट के सामने कहा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामले में मीडिया ने उनके खिलाफ पूर्वाग्रही धारणा बनाने के लिए सोची-समझी रणनीति बनाई और सम्मिलित प्रयास किया। मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार की कोर्ट में उमर खालिद की तरफ से दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान ये टप्पणियां की गई। याचिका में खालिद ने आरोप लगाते हुए कहा कि इससे पहले कोर्ट कोई संज्ञान ले पाती उनके खिलाफ दायर सप्लीमेंट्री चार्जशीट सार्वजनिक करके एक अनैतिक मीडिया ट्रायल आरंभ किया गया। खालिद ने कहा कि कथित विरोधात्मक मीडिया खबरें, जिनमें उन्हें दोषी बताया गया था, वे लगातार चल रही हैं और उन्हें उससे काफी तकलीफ हो रही है। खालिद ने आरोप लगाया कि विरोधात्मक मीडिया खबरें, जिन्होंने मुझे न सिर्फ आरोपी दिखाया, बल्कि करीब-करीब दोषी ही ठहरा दिया, वे चल रही हैं। खालिद ने अदालत में कहा कि मैं आपको यह बताना चाहता हूं, क्योंकि इससे मुझे काफी तकलीफ हो रही है और निष्पक्ष सुनवाई का मेरा अधिकार भी इससे सीधे तौर पर प्रभावित हो रहा है। तथ्य यह है कि मेरे आपको यह बताने के बाद भी चल रहा है, मैं इसे सोची-समझी रणनीति के तौर पर देखता हूं। डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से नाराज महाराष्ट्र कांग्रेस, 16 जनवरी को करेगी नागपुर राजभवन का घेराव नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में निकली भर्तियां, ऐसे करें आवेदन महाराष्ट्र: अब सरकारी दफ्तरों मे मनाई जाएगी बाल ठाकरे और उनके पिता की जयंती