नई दिल्ली: दिल्ली में साजिश के तहत किए गए हिंदू विरोधी दंगों के मामले में आरोपित JNU के छात्रनेता उमर खालिद की वकील रेबेका जॉन ने आज अदालत में उन मीडिया संस्थानों पर नाराजगी जताई है, जिन्होंने दंगों से संबंधित लोगों को खुलासा करने वाली व्हॉट्सएप चैट को सोशल मीडिया पर सार्वजनिक किया था। रेबेका ने अदालत में विशेषतौर पर ‘Lawbeat’ का नाम लेते हुए कहा कि उन्होंने जिस प्रकार व्हॉट्सएप मैसेज के स्क्रीनशॉट साझा किए हैं, ये बेहद घृणायुक्त था। इन स्क्रीनशॉट्स को डिलीट किया जाना चाहिए और अदालत की कार्यवाही के स्क्रीनशॉट नहीं लिए जाने चाहिए। इस दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से उन्हें सलाह दी गई कि यदि उन चैट को हटवाना है तो इसके लिए उपयुक्त आवेदन दाखिल हो सकता है। यह तरीका अधिक सही होगा। गौरतलब है कि उमर खालिद की जमानत याचिका के विरोध में जारी सुनवाई के बीच स्पेशल पब्लिक प्रोसेक्यूटर अमित प्रसाद ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के सामने खालिद के खिलाफ कई साक्ष्य पेश किए थे। अभियोजन पक्ष की तरफ से बताया गया था कि किस तरह गवाह ने बताया है कि विरोध प्रदर्शन के लिए डंडे, पत्थर, लाल मिर्च और तेजाब इकट्ठे किए गए। अमित प्रसाद ने पुछा था कि आखिरकार लाठी, डंडे और लाल मिर्च के साथ किया गया विरोध प्रदर्शन कैसे शांतिपूर्ण हो सकता है? इसी दौरान दिल्ली दंगों में उमर खालिद की भूमिका और साजिश को बेनकाब करने के लिए अमित प्रसाद ने कड़कड़डूमा कोर्ट में कई वॉट्सऐप चैट, गवाहों के बयान और CCTV फुटेज भी पेश किए थे। इनमें स्पष्ट नज़र आ रहा था कि उमर खालिद ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन के नाम पर दंगे भड़काने की सुनियोजित साजिश रची थी। इन्हीं तस्वीरों को Lawbeat ने अपने ट्वीट्स में शेयर किया जिसके बाद आज दिल्ली दंगों में आरोपितों की वकील रेबेका जॉन भड़क गई और अपील करते हुए कहा कि उन व्हॉट्सएप संदेशों को हटा दिया जाना चाहिए। बता दें कि जिन चैट्स को मीडिया में साझा होता देख रेबेका जॉन ने नाराजगी जताई है, वो मामले में दायर आरोपपत्र का भी हिस्सा हैं। इस दौरान अभियोजन पक्ष ने बताया कि कैसे उन संदेशों में चक्का जाम और महिलाओं को सामने रखने की बातें कही गई थीं। कोलकाता से दुबई जा रही फ्लाइट में मिले 3 कोरोना संक्रमित यात्री, मचा हड़कंप NIA ने ISIS केरल मॉड्यूल के संबंध में 8 लोगों के खिलाफ आरोप दायर किए असम: ओरंग नेशनल पार्क से भटका बाघ बोरसोला में पकड़ा गया