संयुक्त राष्ट्र ने देश की विदेश नीति में फेरबदल के हिस्से के रूप में अपने परमाणु हथियार शस्त्रागार को बढ़ाने के यूनाइटेड किंगडम के प्रस्ताव पर चिंता व्यक्त की है। ब्रिटेन सरकार ने मंगलवार को परमाणु हथियार की संख्या को 260 से अधिक नहीं बढ़ाने की अपनी योजना की घोषणा की, अपने समग्र परमाणु बम भंडार छत को कम करने की अपनी पिछली नीति को 2020 के मध्य तक 180 से अधिक हथियार नहीं करने की अपनी पिछली नीति को उलट दिया। सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन का फैसला परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) के अनुच्छेद VI के तहत अपने दायित्वों के विपरीत है। इसमें आगे कहा गया है, इसका वैश्विक स्थिरता और परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया को आगे बढ़ाने के प्रयासों पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। दुजारिक ने आगे कहा, ऐसे समय में जब परमाणु हथियार जोखिम शीत युद्ध के बाद से अधिक हैं, निरस्त्रीकरण और हथियार नियंत्रण में निवेश स्थिरता को मजबूत करने और परमाणु खतरे को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है। सांसदों को रणनीति की रूपरेखा देते हुए प्रधानमंत्री बोइस जॉनसन ने कहा कि ब्रिटेन को 'मूल्यों का विरोध' करने वाले देशों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने की कला को फिर से सीखना होगा। लेकिन उन्होंने कहा कि ब्रिटेन नाटो रक्षा गठबंधन के लिए "अडिग" रहेगा और यूरोप में शांति और सुरक्षा बनाए रखेगा। परमाणु हथियारों को खत्म करने के अंतरराष्ट्रीय अभियान के प्रमुख बीट्राइस फिहान ने मंगलवार को बीबीसी से बात करते हुए ब्रिटेन के परमाणु प्रावधान को अपमानजनक, गैरजिम्मेदाराना और बहुत खतरनाक बताया। उन्होंने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ गया और जलवायु परिवर्तन और दुष्प्रचार जैसे ब्रिटेन के सामने आने वाले वास्तविक सुरक्षा खतरों का समाधान नहीं किया। अमेरिकी डेमोक्रेट्स ने की अटलांटा में घातक शूटिंग के बाद एशियाई अमेरिकियों के खिलाफ नफरत की निंदा भारतीय मूल के विशेषज्ञ पर अमेरिकी संघीय अदालत में लगा साइबरस्टॉकिंग का आरोप पाकिस्तान को चीन से मिला कोरोना वैक्सीन का दूसरा बैच