अक्सर स्टूडेंट को घर में पढ़ाई को लेकर काफी टॉर्चर किया जाता है, जिसकी वजह से विधार्थियो को कई बार मूड ना होने पर भी पढ़ाई करनी पड़ती है, लिहाजा रिजल्ट पेरेंट्स की इच्छा के मुताबिक नहीं आ पाता. वही ऐसे में आज हम स्टूडेंट के आत्महत्या करने की कुछ ऐसी वजहों के बारे में बताने जा रहे है जिसके सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. जैसे ही परीक्षा के परिणाम आते है तो हमे विधर्थियो की आत्महत्या की खबरे भी काफी सुनने को मिलती, जिसकी एक वजह कही नहीं कही माता पिता को माना जाता है, क्योकि वो बच्चे की इच्छा जाने बिना ही उन्हें पढ़ाई के लिए ज़्यादा टॉर्चर करने लग जाते है, अन्तः परिणाम सही ना आने पर बच्चे आत्महत्या कर लेते है माता पिता अक्सर अपने बच्चे की तुलना पड़ोसियों के बच्चो से करने लग जाते है. तो वही वो अपने बच्चे को इस तरह के ताने भी देते है कि देखो उनका बेटा कितना पड़ता है, फ़ैल हो जाओगे तो घर मत आना. कुछ इस तरह के ताने बच्चे के मन में घर कर जाते है, और वही अगर बच्चे के नंबर पडोसी के बच्चे से कम आ जाते है तो वह कुछ ऐसा कदम उठा लेते है, जिसका हर्जाना माता पिता को पूरी ज़िंदगी भर भुक्तना पद सकता है. माता पिता की वजह से ही बच्चे अक्सर डिप्रेशन का शिकार हो जाते है, क्योकि पेरेंट्स अपने बच्चे के करियर की शुरुआत में ही उनसे इतनी ज़्यादा उम्मीद लगा बैठते है, जिससे बच्चे अपनी परेशनियो को अपने माता से शेयर नहीं कर पाते इलहाजा वो अंत में आत्महत्या जैसे उठा लेते है. इस तरह आप भी अपने मन को रख सकते है शांत विवादों से रहा है ममता कुलकर्णी का गहरा नाता मध्य प्रदेश के विधि पुरुष किसे कहा जाता है ?