विविधता ही ताकत है, एकरुपता भारत के लिए विनाशकारी हैः राष्ट्रपति

दार्जिलिंग : भारत की विशाल विविधता को हर भारतीय ताकत के रुप में देखता है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी मानते है कि यही विविधता भारत की ताकत है। देश में किसी प्रकार की स्वरुपता या एकरुपता विनाशकारी होगी। दार्जिलिंग में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने देश की बहुजातीय संस्कृति पर जोर दिया।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमें अपनी विविधता पर गर्व करते है। हम एकरुपता लाने का प्रयास इसलिए नहीं करते, क्यों कि हम जानते है कि यह हमारे विकास व प्रगति के लिए नुकसानदायक होगा। हम राष्ट्रीय बंधन में एकजुट है। मुखर्जी ने विविधता का बखान करते हुए कहा कि भारत की विशालता ही इसकी विविधता में है।

मुखर्जी यहां नेपाली कवि भानुभक्त आचार्य की 202वीं जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में सम्मिलित होने पहुंचे थे। नेपाल के संबंधों पर बोलते हुए मुखर्जी ने कहा कि नेपाल के साथ भारत के बहुत अच्छे संबंध है। हम उस संबंध को और मजबूत करना चाहते है। महान कवि आचार्य का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने अपनी कविताएं तो नेपाली में लिखी, लेकिन उनका संदेश समूची मानवता के लिए है।

उनकी अपील भौगोलिक सीमाओं और समय से परे है। नेपाली भाषा के इस अग्रणी कवि को श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर पाकर वह खुश हैं। इस कार्यक्रम के दौरान पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी भी मौजूद थे।

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