भारत को 2016 रियो ओलंपिक में सिर्फ दो पदक मिले थे तो उसके बाद से देश में खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने पूरे देश में एक अभियान की शुरआत क्र दी थी। इसके बाद उम्मीद जगी थी कि भारत 2020 टोक्यो ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन करने में सफल होंगे। अब यह तो समय ही बताएगा कि हमें टोक्यो में कितनी सफलता मिलती है, पर मौजूदा केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू का मानना है कि पदकों की संख्या बढ़ाने के लिए नए तरीकों व ऊर्जा के साथ काम करना होगा। किरन रिजिजू से खास बातचीत पर जाने उन्होंने क्या कहा:- भारतीय खेलों के लिए आपका विजन क्या है? भविष्य की योजनाओं में खेल अहम हिस्सा है। ओलंपिक में मिलने वाले पदकों की गिनती संतोषजनक नहीं है और इसके लिए नए तरीकों व ऊर्जा के साथ काम करना होगा। नई सोच के साथ खिलाड़ियों को स्कूल स्तर पर सुविधाएं देने का प्रयास भी किया है, जिससे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा व आर्थिक मदद भी मिलेगी। पिछली योजनाओं से खेलो इंडिया कैसे अलग है? हिंदुस्तान में स्कूल व यूनिवर्सिटी गेम्स अलग-अलग होते हैं। इस खेलों को देश में चार भागों में बांटा गया है और प्रत्येक खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का मौका मिलेगा। वर्ष 2020 में 21 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के खिलाड़ियों के लिए खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स ओडिशा में आयोजित करवाए जाएंगे। इसके अलावा, खेलो इंडिया यूथ गेम्स गुवाहटी में 10 जनवरी 2020 को होंगे। इस संबंध में दो दिन बाद खेलों का लोगो जारी करने जा रहे हैं। साथ ही, खेलो इंडिया अंडर-17 स्कूल गेम्स और भारत के पारम्परिक खेलों के मुकाबले करवाए जाएंगे। ओलंपिक को लेकर भारत की कितनी तैयारी है? अभी हमारे खिलाड़ी टोक्यो-2020 की तैयार कर रहे हैं और 2024 व 2028 ओलंपिक के लिए हमने देश के लिए अधिक से अधिक पदक जीतने का लक्ष्य बनाये रखा है। इसके लिए स्कूली स्तर पर बच्चों को खेलने के लिए प्रेरित करना होगा। विदेशों में बच्चों को स्कूल स्तर के खेलों के लिए प्रेरित किया जाता है तभी भविष्य में खेलों में बेहतर परिणाम सामने आते हैं। मंत्रालय की ओर से स्कूल स्तर पर पूरे देश में खेलों में सुधार किया जाएगा और इसके लिए खेल संघ को भी टास्क दिया गया है। मैनचेस्टर सिटी के मालिकों ने खरीदी मुंबई सिटी की हिस्सेदारी डेविस कप: भारत ने की शानदार शुरुआत, रामकुमार-सुमित की जीत ने पाक पर बनाई 2-0 की बढ़त 50वें ओवर में हैट्रिक लेकर इतिहास रचा, पूछें जाएंगे पिछले सत्र से जुड़े कुछ सवाल