नई दिल्ली: केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) पूरे भारत में लाखों लोगों को सामाजिक सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राष्ट्रीय राजधानी में एक कार्यक्रम में बोलते हुए डॉ. मंडाविया ने ईपीएफओ की परिवर्तनकारी यात्रा और सदस्यों के लिए बड़ी बचत के प्रबंधन में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला, साथ ही देश भर में सामाजिक सुरक्षा सेवाओं को बढ़ाया। मंत्री ने एक मजबूत आईटी प्लेटफॉर्म, एक कुशल शिकायत प्रबंधन प्रणाली और सेवा वितरण के लिए सदस्य-केंद्रित दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने ईपीएफओ कर्मचारियों से संगठन के नारे, “हम हैं ना” पर चलने का आग्रह किया, और उन्हें हर दिन लोगों की सेवा करने की उनकी जिम्मेदारी की याद दिलाई। डॉ. मंडाविया ने इस बात पर जोर दिया कि सच्ची सेवा कर्मचारियों के प्रभाव में झलकती है, चाहे वे जरूरतमंदों की सहायता करके हों या समस्याओं का तुरंत समाधान करके। उन्होंने पेंशन कवरेज बढ़ाने और सेवाओं की अंतिम-मील डिलीवरी में सुधार करने के प्रयासों को भी प्रोत्साहित किया। इसके अलावा, मंत्री ने ईपीएफओ अधिकारियों और कर्मचारियों से सदस्यों की सेवा में ईमानदारी, व्यावसायिकता, सहानुभूति और समर्पण के उच्चतम मानकों को बनाए रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "निरंतर कौशल विकास और क्षमता निर्माण उभरती चुनौतियों के अनुकूल होने और सेवा वितरण में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है।" 2023-24 में EPFO में योगदान देने वाले सदस्यों की संख्या में 7.6% की वृद्धि हुई, जो 2022-2023 में 6.85 करोड़ से बढ़कर 7.37 करोड़ हो गई। EPFO में योगदान देने वाले प्रतिष्ठानों की संख्या में भी 6.6% की वृद्धि हुई, जो कुल 7.66 लाख हो गई। इसके अतिरिक्त, संगठन ने बकाया राशि की वसूली में 55.4% की वृद्धि दर्ज की, जो पिछले वर्ष 3,390 करोड़ रुपये की तुलना में 5,268 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। दावों का निपटान भी 7.8% बढ़कर 4.45 करोड़ से 4.12 करोड़ हो गया। कार्यकारी समिति ने रिपोर्ट को केन्द्रीय बोर्ड द्वारा अपनाने की सिफारिश की है। मतदान में कोई कसर ना रहे..! महाराष्ट्र वोटर्स के लिए स्पेशल ट्रेन चलाएगा रेलवे नाकाम हुई TMC पार्षद की हत्या की कोशिश, ऐसे बची जान कौन हैं अनुरा कुमारा दिसानायके? श्रीलंका राष्ट्रपति चुनाव में बने विजेता