ग्वालियर/ब्यूरो। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को सामूहिक क्षमावाणी कार्यक्रम में व्यक्त किए अपने विचार। सिंधिया ने कहा की गुरु मां ने जो रास्ता दिखाया है, वह जीवन का पथ प्रदर्शक बनेगा। हम कलियुग में जी रहे हैं, इसमें अनेक कटुताएं आती हैं, लेकिन जैन दर्शन में जिस क्षमा धर्म का उल्लेख किया गया है, वह अंतर्मन से क्षमा की बात है न कि अपने करीबियों या मित्रों से क्षमा मांगने की। भगवान महावीर ने जियो और जीने दो का जो संदेश दिया है, वहीं मोक्ष का सही रास्ता है। यह विचार केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को सकल जैन समाज द्वारा चंपाबाग बगीची में आयोजित सामूहिक क्षमावाणी कार्यक्रम में व्यक्त किए। इस मौके पर सिंधिया ने कहा कि जैन धर्म में जियो और जीने दो के साथ क्षमा का बहुत महत्व है। क्षमावाणी का पर्व अपनी गलतियां सुधारने का अवसर देता है। सिंधिया ने कहा कि जैन समाज की महिलाओं की सक्रियता से मैं बहुत प्रभावित हूं। जिस समाज की महिलाएं जागरूक और सक्रिय होती हैं, वहीं समाज प्रगति कर पाता है। Koo App "क्षमा वीरस्य भूषणम" - क्षमा वीरों का आभूषण है। ग्वालियर में आज जैन समाज के सामूहिक क्षमावाणी कार्यक्रम में सम्मिलित होकर परमपूज्या सिद्धांत रत्न, भारत गौरव, गणिनी आर्यिका मां विशुद्धमति माताजी एवं 108 विज्ञमती माताजी ससंघ के दर्शन का सौभाग्य मिला। View attached media content - Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) 12 Sep 2022 इस अवसर पर आर्यिकाश्री विशुद्धमती माता की उपस्थिति में पट्ट गणिनी आर्यिकाश्री विज्ञमती माता ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि क्षमावाणी कार्यक्रम को सिंधिया राजवंश के सपूत ज्योतिरादित्य अपने वैभव के सूर्य की ज्योति से रोशन कर रहे हैं। उनसे सत्ता और वैभव का सूर्य प्रकाशमान हो रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया का सहज और विनयशील व्यक्तित्व सिंधिया राजवंश से तीर्थंकर के वंश को प्रकाशित करेगा। सारागढ़ी युद्ध के 125 साल पूरे, जानिए इस दिन का इतिहास डीप नेक और थाई स्लिट ड्रेस में बियॉन्से ने दिखाई अपनी सेक्सी अदाएं उत्तराखण्ड में जड़ी- बूटी शोध संस्थान स्थित है?