संयुक्त राज्य अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को ईरान पर संयुक्त राष्ट्र के सभी प्रतिबंधों को बहाल करने के अपने निर्णय को अधिसूचित किया है. जिसमें कहा गया है कि वॉशिंगटन कभी भी "आतंकवाद के विश्व के सबसे बड़े प्रदेश प्रायोजक" को स्वाधीन रूप से पारंपरिक हथियार (युद्ध में आमतौर पर उपयोग होने वाले) खरीदने और बेचने की इजाजत नहीं देगा. आखिर क्यों अपनी बहन को और ताकतवर बना रहे किम जोंग ? गुरुवार को अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने बड़ा दिया था. जिसमें पश्चात वह संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय पहुंचे और उन्होंने महासचिव गुतारेस तथा अगस्त महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष इंडोनेशिया के राजदूत डियान त्रियानस्याह डजानी से मुलाकात की. पोम्पिओ ने उन्हें वो पत्र सौंपे, जिसमें ईरान पर एक तरह से संयुक्त राष्ट्र के सभी प्रतिबंधों को बहाल करने के अमेरिका के फैसले की जानकारी दी गई है. बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2231 के तहत ईरान पर से ये प्रतिबंध हटा लिए गए थे. दिए गए खत के तहत एक बार फिर 20 अगस्त से 30 दिन के भीतर ये सभी पाबंदी फिर से लागू हो जाएंगे. पुतिन के मुखर आलोचक Alexei Navalny कोमा में, दिया गया था जहर इसके पश्चात संयुक्त राष्ट्र में पोम्पिओ ने प्रेस को बताया कि हमारा संदेश बहुत ही सरल और सपष्ट है कि, अमेरिका आतंकवाद को सरकार के स्तर से प्रायोजित करने वाले विश्व के सबसे बड़े देश को कभी खुले आम विमान, टैंक, मिसाइल या अन्य प्रकार के पारम्परिक हथियार खरीदने या बेचने नहीं देगा.उन्होंने बताया कि प्रतिबंध फिर से लागू होने से ईरान की अन्य निंदनीय गतिविधियों को लेकर भी जवाबदेही तय होगी. ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रशिक्षण पर फिर पाबंदी लगेगा. ईरान की परमाणु गतिविधियों पर भी फिर रोक लगेगी. पाकिस्तानी मंत्री का बयान- मुसलमानों को बचाते हुए असम तक भेद सकता है हमारा परमाणु हथियार रूस की कोरोना वैक्सीन पर सवाल बरक़रार, अगले हफ्ते शुरू होगी स्पुतनिक-V की स्टडी दुनिया के तीसरे सबसे रईस शख्स बने फेसबुक CEO जकरबर्ग, दौलत में हुआ जबरदस्त इजाफा