नई दिल्‍ली: लंबे समय से कोरोना महामारी से लड़ रही दुनिया को आखिरकार इसकी वैक्‍सीन मिल ही गई। दवा कंपनी फाइजर/बायो एनटेक कोरोना वायरस वैक्सीन को ब्रिटेन ने हरी झंडी दिखा दी है। ब्रिटेन विश्व में पहला देश बन गया है, जहां पर कोरोना वैक्‍सीन की वैक्सीन सबसे पहले लगाइ जाएंगी। ब्रिटिश रेगुलेटर MHRA का कहना है कि, यह वैक्‍सीन कोरोना वायरस के खिलाफ 95% तक सुरक्षा प्रदान करती है और सुरक्षित है। उच्च प्राथमिकता वाले समूहों में लोगों को वैक्‍सीन कुछ ही दिनों में लगनी आरंभ हो जाएगी। बताया गया है कि इस वैक्सीन को तक़रीबन -70C पर रखा जाएगा और ख़ास बक्सों में ले जाया जाएगा। इसे सूखी बर्फ में पैक किया जाएगा। एक बार पहुंचाने के बाद इसे पांच दिनों तक रेफ्रीजिरेटर में रखा जा सकता है। ब्रिटेन ने पहले ही 40 मिलियन डोज़ का आर्डर दिया है, जोकि 20 मिलियन लोगों को टीका लगाने के लिए पर्याप्त है। प्रत्येक नागरिक को वैक्‍सीन के दो शॉट दिए जाएंगे। किसी भी बीमारी के लिए तैयार की गई वैक्‍सीन में यह बहुत तेज गति से बनाई गई है। किसी भी वैक्‍सीन को बनाने के लिए कम से कम 10 माह से लेकर एक दशक तक का समय लगता है। विशेषज्ञों का कहना है कि, 'हालांकि टीकाकरण जल्‍द आरंभ हो सकता है, फिर भी लोगों को अलर्ट रहने और प्रसार को रोकने के लिए कोरोना वायरस नियमों का पालन करने की जरुरत है।' ब्रिटेन के उपयोग के लिए फाइजर-BioNTech ने वैक्सीन को दी मंज़ूरी 2025 तक न्यूजीलैंड में कार्बन तटस्थ बन जाएंगे सार्वजनिक क्षेत्र अमेरिकी सीनेटरों ने मानवीय संकट के समाधान के लिए राहत कोष का किया आह्वान