संयुक्त राष्ट्र : नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई को संयुक्त राष्ट्र का शांति दूत चुना गया है. यह संयुक्त राष्ट्र द्वारा किसी को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है. 19 वर्षीय मलाला यह सम्मान पाने वाली सबसे कम उम्र की शांति दूत बनेंगी. अगले सप्ताह एक समारोह में उन्हें आधिकारिक रूप से जिम्मेदारी सौंपी जाएंगी. बता दें कि मलाला के चयन पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि गंभीर खतरे के बावजूद मलाला ने महिलाओं, लड़कियों और सभी के अधिकारों के लिए अटल प्रतिबद्धता दिखाई. लड़कियों की शिक्षा के लिए उनके प्रयास ने दुनियाभर में बहुत से लोगों को प्रोत्साहित किया. गौरतलब है कि मलाला यूसुफजई अक्टूबर 2012 में तब सुर्खियों में आई थीं, जब तालिबान आतंकियों ने उन्हें गोली मार दी थी. लड़कियों की शिक्षा के लिए मलाला की कोशिशों के विरोध में तालिबान ने उन पर हमला किया था. हमले में गंभीर रूप से घायल मलाला ने ठीक होने के बाद फिर हिम्मत से लड़कियों की शिक्षा के लिए अपने प्रयासों को जारी रखा. 2014 में उन्हें भारत में बच्चों के अधिकारों और शिक्षा के लिए काम करने वाले कैलाश सत्यार्थी के साथ नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया. यह भी देखें अमेरिका ने सीरिया मामले में कहा जरूरत पड़ी तो और हमले होंगे सीरिया में केमिकल हमले का अमेरिका ने किया विरोध, कहा UN ने नहीं की कार्रवाई तो वह उठाएगा कदम