जेनेवा: भारत के असम में इन दिनों बाढ़ का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. बाढ़ के कारण यहां का काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का 95 फीसद हिस्सा पूरी तरह जलमग्न हो चुका है. ऐसे समय में यूनाइटेड नेशंस बाढ़ ग्रस्त असम में राहत कार्यों के लिए सहायता की जरुरत होने पर भारत सरकार की मदद के लिए पूरी तरह तैयार है. असम में बाढ़ की वजह से लाखों लोग बेघर हो गए हैं और 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने सोमवार को प्रेस वालों से बात करते हुए कहा कि, ‘‘हमारे मानवीय कार्यों के लिए हमारे सहयोगियों ने बताया है कि भारत में असम और पड़ोसी मुल्क नेपाल में मानसून की बारिश की वजह से आई बाढ़ के कारण लगभग 40 लाख लोग बेघर हो गए हैं और 189 लोगों की मौत हो गई है.’’ संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि, ‘‘यूनाइटेड नेशंस जरूरत पड़ने पर भारत सरकार की सहायता को तैयार है.’’ उन्होंने कहा कि नेपाल प्राधिकारियों ने तराई क्षेत्र के निचले हिस्सों और नदी के तट पर रहने वाले लोगों से बाढ़ के खतरे की वजह से सुरक्षित स्थानों पर जाने का आग्रह किया है. दुजारिक ने कहा कि, ‘‘प्रभावित इलाकों में पहुंच पाना एक बड़ी दिक्कत है. दूर-दराज के इलाकों में भूस्खलन होने की वजह से राहत एवं तलाश अभियान बाधित हो रहे हैं.’’ विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) प्रभावित समुदायों तक पहुंचने का प्रयास कर रहा है. उन तक पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर ही एकलौता व्यवहार्य विकल्प है. वैक्सीन पर गुड न्यूज़ से शेयर बाजार गुलज़ार, सेंसेक्स में 500 अंकों की भारी बढ़त कंगना रनोट के समर्थन में उतरे फैंस, एक्ट्रेस को लेकर कही ये बातें अब लूटने वाले दुकानदारों की खैर नहीं, मोदी सरकार ने लागू किया 'उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम'