लॉकडाउन 5 को नए स्वरूप में लागू किया है. जिसके बाद विश्वविद्यालयों में अब एक जुलाई से पहले ही परीक्षाएं कराने को लेकर हलचल तेज हो गई है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने फिलहाल इसे लेकर विश्वविद्यालयों को फ्री-हैंड दे दिया है. यानी अब वह कोविड-19 के संक्रमण की स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए अपने स्तर पर परीक्षाएं कराने का प्लान तैयार कर सकेंगे. यह एक जुलाई से पहले भी हो सकता है और जुलाई के बाद भी हो सकता है. CRPF जवान का सेवा भाव देखकर रेल मंत्री ने कही यह बात आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इससे पहले यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को लेकर जारी किए गए एकेडमिक कैलेंडर में जुलाई में परीक्षाएं कराने का सुझाव दिया था. इसमें सबसे पहले अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं कराने को कहा था, जो एक से 15 जुलाई के बीच होनी थी. इसके बाद पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं कराने को कहा था. इन्हें 15-30 जुलाई के बीच कराना था. इस बीच लॉकडाउन-5 और अनलॉक-एक के शुरू होते ही स्थितियां काफी बदल गई. सीमा पर चीन से तनातनी की वजह से भारत ने तैनात किए घातक लड़ाकू विमान इसके अलावा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात सहित कई राज्यों में विश्वविद्यालयों ने जून से ही परीक्षाएं शुरू करने का प्लान यूजीसी और राज्य सरकार को दिया है. हालांकि यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों से इस मुद्दे पर राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के परामर्श से ही कोई भी निर्णय करने को कहा है. वही, यूजीसी के चेयरमैन डॉ. डीपी सिंह के मुताबिक जो एकेडमिक कैलेंडर जारी किया गया था, वह तात्कालिक परिस्थितियों के आकलन के आधार पर तैयार किया गया था. साथ ही इनमें जो भी कहा गया था, वह एक सुझाव था. अब जब अनलाक-1 के बाद सारी गतिविधियां एक-एक कर शुरू हो गई हैं, तो परीक्षाएं भी हो सकती हैं. फिलहाल सभी से स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर निर्णय लेने को कहा गया है. साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रखने को कहा गया है. अवैध वेंडर्स की पहचान करना हुआ आसान, रेलवे ने किया यह काम चीन ने पहले नहीं की ऐसी हरकत, बड़ी संख्या में सैनिक भारतीय सीमा में घूसे महाराष्ट्र : तबाही मचाने के लिए करीब आ रहा यह जानलेवा तूफान