स्वतन्त्रता दिवस : क्या कहते हैं तिरंगे के तीनों रंग, अशोक चक्र के बारे में भी जानिए ?

भारतीय इतिहास में 15 अगस्त का दिन स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। 15 अगस्त का दिन हर भारतीय के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इस दिन को भारत आजादी दिवस के रूप में मनाता है। 15 अगस्त यानी कि भारत की स्वतंत्रता का दिन राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। देशभर में इस दिन जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित होते हैं। इस दिन देश के पीएम लाल किले से तिरंगा फहराते हैं और देश को संबोधित भी करते हैं। लाल किले को इस दिन आजादी के बाद से ही हर साल फहराया जा रहा है। तिरंगा 138 करोड़ भारतीयों की शान है। तिरंगे में तीन रंग केसरिया, श्वेत और हरा रंग समाहित है। साथ ही बीच में हमारे तिरंगे में अशोक चक्र समाहित है। हालांकि क्या आप तीनों ही रंग और अशोक चक्र के बारे में यह जानते हैं कि ये किस चीज को दर्शाते हैं और ये किसके प्रतीक है ? यदि नहीं तो आइए जानते है इसके बारे में। 

तिरंगे के तीनों रंगों के बारे में 

केसरिया रंग 

तिरंगे में सबसे ऊपर जो रंग है उसे नारंगी या केसरिया कहा जाता है। केसरिया रंग हमारे देश की अपार शक्ति और साहस का प्रतीक है। 

सफ़ेद रंग 

सफ़ेद या श्वेत रंग तिरंगे का दूसरा और बीच का रंग है। सफ़ेद रंग शांति और सत्य का प्रतीक है। 

हरा रंग 

हरा रंग तिरंगे की सबसे निचली पट्टी में है। यह रंग उर्वरता, वृद्धि और भूमि की पवित्रता को दर्शाने का काम करता है। 

अशोक चक्र 

बात हो चुकी है तिरंगे में समाहित तीनों ही रंग केसरिया, श्वेत और हरे रंग की। वहीं इन सभी के साथ तिरंगे के बीचो-बीच समाहित अशोक चक्र भी तिरंगे की शोभा को बढ़ाने का काम करता है। अशोक चक्र का इतिहास काफी पुराना है। भारत में तीसरी शताब्‍दी ईसा पूर्व मौर्य सम्राट अशोक हुए थे और अशोक चक्र को सम्राट अशोक द्वारा बनाया गया था, इसे सारनाथ मंदिर से लिया गया है। यह चक्र हमें यह बताता है कि यह मानव जीवन गतिशील है और जीवन थमने का नाम है मृत्यु। कहा भा जाता है कि जीवन का अंतिम लक्ष्य है मृत्यु।  

 

 

 

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