नई दिल्ली : सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ देश के कितने महान खिलाडी है बताने की जरुरत नहीं है . इन दोनों ने साथ मिलकर देश को कई गौरवशाली जीत दिलवाई है. मास्टर ब्लास्टर सचिन और द वाल के नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ सर्वकालिन महान खिलाड़ियों में शुमार है. अपने खेल के अलावा अपने व्यक्तित्व को लेकर दोनों का खेल जगत में एक विशेष स्थान है. दोनों एक दूसरे की बात समझते थे और एक दूसरे को खेल को निखारने की कोशिश करते थे. 2003 में न्यूजीलैंड के गेंदबाज भारत दौरे पर मोहाली टेस्ट में राहुल को परेशान कर रहे थे. साथ क्रीज पर सचिन थे. थोड़ी देर बाद राहुल अपनी मुश्किल लेकर सचिन के पर गए और बोले- बॉल स्विंग हो रही है क्या करू. इस पर सचिन बोले मैं बॉलर की तरह देखूंगा कि उसने किस तरह बॉल की सीम पकड़ी हुई है. अगर आऊट स्विंग हुई तो मैं बाएं हाथ में बैट पकड़ लूंगा, अगर इन स्विंग हुई तो दाएं हाथ में. फिर क्या था कहते है समझदार को इशारा काफी. डिफेंस में जा रहे द्रविड़ अटैक करने लगे. सचिन और द्रविड़ दोनों भारतीय क्रिकेट की किवदंती है जिन्होंने अपने खेल और स्वाभाव से देश और दुनिया में मुल्क का नाम रोशन किया ये दोनों सच में कमाल है और उनके इस तरह के किस्से उन्हें खास बनाते है. सचिन के कहने पर विनोद कांबली का 'कमबैक' राज्यसभा में सचिन के अलावा भी है एक तेंदुलकर द्रविड़ के रचे कीर्तिमानों पर एक नज़र