नई दिल्लीः उन्मुक्त चंद टीम इंडिया को 2012 में विश्व चैंपियन बना कर सुर्खीयों में छा गए थे। उन्मुक्त ने केवल 16 साल के उम्र में घरेलू क्रिकेट में खेलना शुरू किया था। उन्होंने अपने कप्तानी में भारत को 2012 का विश्व कप जीताया था। उन्मुक्त चंद के लिए सबकुछ ठीक जा रहा था, लेकिन उनकी फॉर्म में एकदम से गिरावट आई वो अपनी स्टेट टीम में भी बने रहने के लिए संघर्ष कर रहे थे। पिछले सीजन में वो दिल्ली टीम से बाहर कर दिए गए और विजय हजारे ट्रॉफी के लिए उनका टीम में चयन नहीं किया गया। उन्होंने आइपीएल में भी खेला, लेकिन उनकी खराब फॉर्म की वजह से वो वहां से भी बाहर हो गए। अब उन्मुक्त एक बार फिर से नई टीम के साथ नई शुरुआत करने की तैयारी में हैं। आने वाले घरेलू सीजन में वो अब उत्तराखंड के लिए खेलते नजर आएंगे और वो टीम के कप्तान भी बनाए गए हैं। 26 वर्ष का ये बल्लेबाज दिल्ली की टीम से पिछले कुछ वर्षों में अंदर-बाहर होता रहा है। इसकी वजह से वो अपनी रणजी टीम बदलने को मजबूर हे गए। उन्होंने कहा कि बीते 2-3 साल से दिल्ली के लिए वो अच्छा नहीं खेल पाए। उन्होंने कई बार वापसी भी की, लेकिन मुझे बार-बार ड्रॉप किया गया। अब मेरे लिए हर मैच मेरे कमबैक मैच की तरह है। दिल्ली के लिए खेलना मेरे लिए काफी कमाल का अनुभव रहा, लेकिन उत्ताखंड अब मेरे लिए अगली चुनौती है। ये जगह मेरे लिए घर के जैसा है। मुझे उम्मीद है कि मैं इस टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन कर पाउंगा। विराट कोहली के नाम पर दर्ज हुआ एक और वर्ल्ड रिकॉर्ड India vs South Africa: दक्षिण अफ्रीका ने भारत को दी करारी मात, सीरीज हुई बराबर विराट कोहली से मिलने की चाह एक प्रशंसक को पड़ा भारी, जाने मामला