भारत की अध्यक्षता में अफ़ग़ान-तालिबान मुद्दे पर हुई UNSC की बैठक, छलका अफ़ग़ानियों का दर्द

काबुल: अफगानिस्तान में तेजी से बदले स्थानीय हालातों को देखते हुए भारत की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का नेतृत्व कर रहे भारत ने इस बैठक में कहा कि काबुल के हामिद करजई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लोग बेहद दयनीय हालत में दिखाई दिए। महिलाएँ एवं बच्चे तनाव में हैं और एयरपोर्ट सहित शहर के अन्य हिस्सों से फायरिंग की खबरें आ रही हैं। 

संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि अगर आतंकवाद के प्रति कोई सहिष्णुता नहीं दिखाई जाती है और अफगानी इलाकों का इस्तेमाल किसी अन्य देश को धमकाने या उस पर हमला करने के लिए नहीं होता है, तो अफगानिस्तान का पड़ोसी इलाका सुरक्षित महसूस करेगा। भारत ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान का पड़ोसी और वहाँ के लोगों का दोस्त होने के नाते, अफगानिस्तान में जो भी हो रहा है, वह गंभीर चिंता का विषय है। अफगानी पुरुष, महिलाएँ और बच्चे लगातार दहशत में जी रहे हैं। इसके साथ ही भारत ने यह भी कहा कि इस संकट के पहले से अफगानिस्तान के सभी 34 प्रांतों में कोई न कोई विकास परियोजना चल रही हैं।  भारत सभी पक्षों से यह आशा करता है कि यूनाइटेड नेशंस और दूतावास के सदस्यों सहित अन्य कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

अफगानिस्तान की तरफ से बात रखते हुए यूनाइटेड नेशंस में स्थायी सदस्य और राजदूत गुलाम एम इसाकजई ने कहा कि, 'मैं अफगानिस्तान के लाखों लोगों की तरफ से बोल रहा हूँ। मैं उन लाखों अफगानी लड़कियों और महिलाओं की तरफ से बोल रहा हूँ जो स्कूल जाने और राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक भागीदारी की आज़ादी खोने वाली हैं।' इसाकजई ने कहा कि तालिबान, दोहा और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर किए गए अपने वादों का कोई सम्मान नहीं कर रहा है और अफगानी लोग दहशत में जीने को मजबूर हैं।

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