हमारे मन में अक्सर कई सवाल ऐसे आते है जिनका जवाब ढूंढ पाना काफी मुश्किल होता है. बहुत समय तक तो हम उन सवालों के पीछे अपना दिमाग खाली करते हैं, फिर कुछ भी हासिल न होने के बाद उसे छोड़ देते हैं. ऐसे ही कुछ एक दो सवाल हैं, जो हमारे पास आये हैं, आइये जानते हैं उन सवालों के पीछे का विज्ञान. एयर कंडीशनर से पानी क्यों निकलता है? एयर कंडीशनर के चलने से उसमे बनने वाली गैस उसमे लगे पाइपों से गुज़रती है और उन पाईपों के ऊपर पानी की बूँदें जमा हो जाती है. यही बूँदें बाहर के गर्म वातावरण के संपर्क में आकर पानी में बदल जाती हैं. सवाल यह है कि एयर कंडीशनर से पानी कैसे निकलता है? आपने देखा होगा, जब हम किसी गिलास में ठंडा पानी भरकर रख देते हैं तो गिलास के ऊपर पानी की छोटी-छोटी बूँदें जमा हो जाती हैं और कुछ समय के बाद ये बूँदें पानी के रूप में गिलास के नीचे इकठ्ठा होने लगती हैं. ठीक इसी प्रकार पानी भी एयर कंडीशनर से बाहर निकलता है. ट्रैन की पटरियों के आसपास कंकड़ क्यों डालते हैं? ट्रैन बहुत तेज़ी से चलती है, जिसके कारण पटरियों में वाइब्रेशन (कंपन) होता है. वाइब्रेशन के कारण पटरियां इधर-उधर न हिलें, इसके लिए रेल की पटरियों के आसपास कंकड़ डाले जाते हैं. जब पटरियों से ट्रैन गुज़रती है तो ये कंकड़ पटरियों पर स्प्रिंग का काम करते हैं. इन कंकड़ों से एक फायदा यह भी है कि पटरियों के आसपास पेड़ पौधे नहीं उग पाते. यदि पटरियों के आसपास कंकड़ की जगह सीमेंट या कुछ और डाला जाए तो वाइब्रेशन की वजह से उनमें जगह बन जायेगी और पटरियां इधर उधर खिसक जाएँगी, जिससे दुर्घटना हो सकती है. अपनी बहन को ईशा ने कुछ इस तरह किया बर्थडे विश, शेयर की फोटो झूले में टॉपलेस दिखी ये एक्ट्रेस, छुपाये प्राइवेट पार्ट्स हिंदी बोलने वाला तोता, जो आपको भी कर देगा हैरान